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घोर लापरवाही: इमारत दूसरे की, नागपुर जिला परिषद ने अपना समझकर 4 लाख खर्च कर दिए
- जिला परिषद में प्रशासन की लापरवाही
- स्थायी समिति की बैठक में यह मामला उठा
- दोषी अधिकारी से वसूली का प्रस्ताव पारित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद में प्रशासन की लापरवाही का एक नमूना सामने आया है। पता चला है कि जिप प्रशासन ने एक ऐसी इमारत की मरम्मत के लिए 24 लाख रुपए की निधि मंजूर कर ली, जो जिप की है ही नहीं। उस इमारत की देखभाल व दुरुस्ती सहित बिल भुगतान के लिए बकायदा 4 लाख रुपए खर्च भी कर दिए। जिला परिषद की स्थायी समिति की बैठक में यह मामला उठाए जाने के बाद निधि खर्च के मामले में दोषी अधिकारी से वसूली का प्रस्ताव पारित किया गया है।
24 लाख की निधि का प्रस्ताव भी मंजूर : जिला परिषद में प्रशासन की लापरवाही का एक नमूना सामने आया है। पता चला है कि जिप प्रशासन ने एक ऐसी इमारत की मरम्मत के लिए 24 लाख रुपए की निधि मंजूर कर ली, जो जिप की है ही नहीं। उस इमारत की देखभाल व दुरुस्ती सहित बिल भुगतान के लिए बकायदा 4 लाख रुपए खर्च भी कर दिए। जिला परिषद की स्थायी समिति की बैठक में यह मामला उठाए जाने के बाद निधि खर्च के मामले में दोषी अधिकारी से वसूली का प्रस्ताव पारित किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र व राज्य सरकार के अंतर्गत आवास योजना के अमल की जवाबदारी जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा डीआरडीए को दी गई है। डीआरडीए की इमारत जिप की इमारत के पास है। उस इमारत की दुरुस्ती सहित कर्मचारियों के वेतन के अलावा अन्य कार्य डीआरडीए केंद्र व राज्य सरकार की सहायता से करता है। ऐसे में कुछ समय पहले जिप के अतिरिक्त सीईओ पद रिक्त था। इस पद का अतिरिक्त दायित्व डीआरडीए की प्रकल्प संचालक वर्षा गौरकर को सौंपा गया था। उनके कार्यकाल में डीआरडीए की इमारत की दुरुस्ती व िवद्युत व्यवस्था के लिए 24 लाख की निधि का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
जांच के लिए जिप सीईओ को निर्देश : इस मामले की जांच के लिए जिप सीईओ को निर्देश दिया गया है। संबंधित अधिकारी से निधि की वसूली करने को कहा गया है। जिला परिषद ने मामले को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है। -कुंदा राऊत,उपाध्यक्ष जिला परिषद
Created On :   28 Jun 2024 7:11 AM GMT