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संज्ञान: फुटाला तलाब में किए जा रहे म्यूजिकल फाउंटेन के निर्माण कार्य पर जैसे थे के आदेश
- सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया, फिलहाल निर्माण पर रोक
- दो सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के दिए आदेश
- स्वच्छ फाउंडेशन ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुप्रीम कोर्ट ने फुटाला तलाब में किए जा रहे म्यूजिकल फाउंटेन के निर्माण कार्य पर "जैसे थे' के आदेश दिए हैं। फिलहाल यहां कोई नया निर्माण नहीं किया जा सकता। अस्थायी निर्माण को लेकर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए अदालत ने दो सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं।
इसलिए शीर्ष अदालत से गुहार : फुटाला तालाब पर कायम स्वरूपी यानी स्थायी निर्माणकार्य न हो, साथ ही गतिविधियों के परिणामस्वरूप किसी भी प्रकार से तालाब का जल और जलीय जीवन की गुणवत्ता प्रभावित न हो, इस पर राज्य सरकार की ओर से दी गई सुनिश्चिता को ध्यान में लेते हुए नागपुर खंडपीठ ने फुटाला में चल रहे निर्माणकार्यों को विरोध करने वाली जनहित याचिका का निपटारा कर दिया था। स्वच्छ फाउंडेशन ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की है। मामले पर गुरुवार को न्या. जे. बी. पारडीवाला और न्या. सतीशचंद्र शर्मा के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर एड. अनिंदिता मित्रा ने पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश वेबसाइट पर अपलोड होना बाकी था। गुरुवार को हुई सुनवाई की जानकारी एड. अनिंदिता मित्रा ने दी।
एनडीसीसी बैंक घोटाला : अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने एनडीसीसी बैंक घोटाले के आखिरी दोषी एवं रोखे दलाल केतन सेठ की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इस फैसले के साथ ही सत्र न्यायालय ने सभी 6 दोषियों की अर्जी पर अपना फैसला सुनाया है।
यह है पूरा मामला : एनडीसीसी बैंक के 170 करोड़ रुपए घोटाले के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने 22 दिसंबर को बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष सुनील केदार, बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी, रोखे दलाल केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 12.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती देते हुए केदार सहित अन्य आरोपियों ने सजा का निलंबन और जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने सबसे पहले सुनील केदार की जमानत अर्जी नामंजूर की थी, लेकिन बाॅम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने केदार की जमानत मंजूर की। इसके बाद अन्य 5 दोषियों के जमानत पर सुनवाई हुई। सत्र न्यायालय ने सभी पक्षों की दलील सुनते हुए अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी की जमानत अर्जी नामंजूर की थी। तीन दिन पहले अशोक चौधरी की भी जमानत खारिज कर दी गई थी और आज गुरुवार को आखिरी दोषी केतन सेठ को भी जमानत देने से कोर्ट ने इनकार किया। राज्य सरकार की आेर से नाशिक के प्रमुख जिला सरकारी वकील अजय मिसार और नागपुर के जिला सरकारी वकील नितीन तेलगोटे ने पक्ष रखा।
चौधरी, वर्मा की हाई कोर्ट में अर्जी : सत्र न्यायालय द्वारा जमानत नामंजूर करने के बाद अब बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी और अमित वर्मा ने बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में जमानत के लिए अर्जी दायर की है।
Created On :   27 Jan 2024 6:18 AM GMT