- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- विदर्भ आगे, यूपीएससी में मारी...
विदर्भ आगे, यूपीएससी में मारी बाजी, नागपुर से 11 छात्रों का एक साथ चयन
- प्री-आईएएस ट्रेनिंग सेंटर के 5 छात्र शामिल
- विदर्भ से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि
डिजिटल डेस्क, नागपुर । संघ लोक सेवा आयोग के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए हैं। इस बार यूपीएससी परीक्षा में नागपुर के कुल 11 छात्रों का चयन हुआ है। इसमें प्री-आईएएस ट्रेनिंग सेंटर के 5 छात्रों का समावेश है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में नागपुर के छात्रों ने प्रतिष्ठित परीक्षा में बाजी मारी है। विशेष यह कि समीर खोड़े को इस परीक्षा में 42वां स्थान मिला है। यह उनका चौथा प्रयास था। वह फिलहाल भारतीय रेलवे में रायपुर में पदास्थापित हैं। प्री-आईएएस ट्रेनिंग सेंटर नागपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. प्रमोद लाखे ने बताया कि इस साल नागपुर और विदर्भ से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है।
मॉक इंटरव्यू के 25 छात्र उत्तीर्ण : डॉ. प्रमोद लाखे ने कहा कि यूपीएससी की मेन्स परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले जिन छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, ऐसे महाराष्ट्र के छात्रों का राज्य सरकार की ओर से दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में मॉक इंटरव्यू लिया जाता है। यूपीएससी के इंटरव्यू में छात्रों को इसका लाभ हो सके, इस मूल उद्देश्य से कैडर ऑफिसर के पैनल द्वारा यह मॉक इंटरव्यू लिया जाता है। इस साल महाराष्ट्र के 92 छात्रों को मॉक इंटरव्यू लिया गया, उनमें से 25 छात्राें ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
वीएनआईटी के छात्र को बड़ी सफलता : वीएनआईटी से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने वाले आशीष उन्हाले ने 263 रैंक हासिल करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। आशीष उन्हाले अकोला के रहने वाले हैं। उन्होंने 2017 में कंप्यूटर साइंस में बी.टेक किया है। इसके बाद उन्होंने जेपी मॉर्गन और अजीजो जैसी निजी कंपनियों में काम किया। नागपुर के चिन्मय बंसोड़ ने भी वीएनआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। टाटा मोटर्स जैसी निजी संस्था में काम कर चुके हैं।
आत्मविश्वास ही बड़ी ताकत : यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण नागपुर की प्रांजलि खांडेकर ने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक और एमटेक की 2020 में पढ़ाई पूरी की है। उनका मानना है कि यूपीएससी के तैयारी के सफर में आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी ताकत है। फिलहाल वह दिल्ली में हैं। 2022 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी थी। तीसरे प्रयास में सफलता मिली। प्रांजलि खांडेकर ने कहा कि यूपीएससी की प्रेरणा मां से मिली है। पिता एमएसईबी से सेवानिवृत्त हैं और मां गृहिणी हैं।
कार्पोरेट की नौकरी छोड़ दी संस्कार गुप्ता ने श्रीरामदेव बाबा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट से बीई कम्प्यूटर किया है। 2017 में पढ़ाई पूरी होने के बाद बेंगलोर में कार्पोरेट नौकरी शुरू की। यूपीएससी टॉपर छात्रों के इंटरव्यू पढ़ने के बाद नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। दिल्ली में क्लासेस भी लगाए। 5वें प्रयास में सफलता मिली। पिताजी व्यावसायी और मां गृहिणी हैं। संस्कार गुप्ता ने कहा कि इस परीक्षा के लिए खुद के नोट्स बनाएं और उसका रिवीजन करते रहे।
खुद मांगी थी गड़चिरोली में सेवा : नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहे जाने वाले गड़चिरोली जिले में अधिकारियों की नियुक्ति को सजा के तौर पर देखा जाता है। इस दूरदराज इलाके में सेवा की मांग करने वाले बीड के समूह विकास अधिकारी अभिजीत पाखरे ने इस बार यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है। माता-पिता शिक्षक हैं। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद गड़चिरोली जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में सेवा करने का मौका मांगने पर वह सुर्खियों में आए थे। अभिजी त पाखरे ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की है। जब उन्हें यह खबर मिली, तो वह अहेरी में चुनाव ड्यूटी पर थे।
Created On :   17 April 2024 11:23 AM IST