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चुनाव: लोकसभा चुनाव के लिए सीमावर्ती गांवों के बुजुर्गों ने किया मताधिकार का प्रयोग
- अति दुर्गम भागों में पहुंची पोलिंग पार्टी
- बुजुर्ग मतदाताओं को बताई होम वोटिंग की प्रक्रिया
- बुजुर्ग व दिव्यांग मतदान करने हैं उत्साहित
डिजिटल डेस्क, नागपुर । पोलिंग पार्टी सीमावर्ती गांवों में पहुंचकर 85 प्लस व विकलांग मतदाताआें के लिए वोट की व्यवस्था कर रही है। रामटेक, काटोल उपविभाग के दूरदराज के इलाकों में बुजुर्ग और विकलांग मतदाताओं ने घर पर अपने मताधिकारी का उपयोग कर लोकतंत्र के उत्सव में योगदान दिया।
भारत निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं तथा 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र वाले मतदाताओं के लिए घर पर ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके तहत जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डाॅ. विपिन इटनकर के मार्गदर्शन में 14 से 17 अप्रैल तक गृह मतदान की प्रक्रिया संचालित की जा रही है। इसकी शुरुआत 14 अप्रैल को पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र से की गई थी।
रामटेक तहसील में मध्य प्रदेश की सीमा से लगे एक अति दुर्गम आदिवासी इलाके में बुजुर्ग लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। करवाही, दुलारा, बेलदा गांव के वरिष्ठ नागरिकों के घर जाकर मतदान करने की खुशी उनके चेहरे पर देखी जा सकती थी। इसमें दुलारा से जानोती उइके, शेवंताबाई मराठे करवाही से मंगोलाबाई उइके और बेलदा से नारायणराव भाल, गंगूबाई भाल, लक्ष्मण गराट ने गृह मतदान किया।
सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी वंदना सवरंगपते ने मतदान केंद्र का दौरा किया और मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य रूप से सोनोली, राजनी, खामली, खारगड, हिवरमठ, येनिकोनी, अंबोला, खैरगांव, गोधनी, गायमुख गांवों के बुजुर्ग और विकलांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। काटोल के सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी शिवराज पडोले ने भी कई मतदान केंद्रों का दौरा कर जायजा लिया।
Created On :   17 April 2024 9:02 AM GMT