निगहबानी: बाघों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे 100 कैमरे, मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने में मिलेगी मदद

बाघों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे 100 कैमरे, मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने में मिलेगी मदद
  • वन विभाग के प्रादेशिक इलाके में बढ़ रहे बाघ
  • अवैध शिकार पर लगेगा अंकुश
  • वन्यजीवों की गतिविधियों पर रहेगी नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन विभाग के प्रादेशिक इलाके में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति सामने आ रही है। ऐसे में अब वन विभाग ने इन पर नजर रखने के लिए 100 ट्रैप कैमरे लगाए हैं, जो मुख्य रूप से बाघों की मूवमेंट पर नजर रखेंगे, ताकि बाघ इंसानी इलाके में न आ सकें। यह कैमरे अवैध शिकार से लेकर और भी वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।

बिना अनुमति जंगलों में प्रवेश करते हैं ग्रामवासी : नागपुर वन विभाग के दायरे में दो तरह के विभाग हैं, जिसमें एक वाइल्ड लाइफ एरिया व दूसरा प्रादेशिक इलाका है। पहले इलाके में बाघों की मौजूदगी रहती है, जबकि दूसरा इलाका बाघों के लिए अनुकूल नहीं रहता है। वाइल्ड लाइफ इलाके में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, जिससे बाघ प्रादेशिक इलाकों में क्षेत्र की तलाश में घुसपैठ करते रहते हैं। प्रादेशिक इलाकों से लगकर गांव बसें हैं। यहां लकड़ियों से लेकर महुआ फूल या अन्य जरूरी चीजों के लिए गांव वालों का जंगल में आना-जाना लगा रहता है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ावा मिलता है। अभी तक इसे रोकने के लिए 50 ट्रैप कैमरे लगाए गए थे, लेकिन संघर्ष और शिकार को देखते हुए यह कैमरे नाकाफी थे। इससे बाघों की गतिविधियां समझने में वन विभाग को मुश्किलें पैदा हो रही थीं। इस मुश्किल को दूर करने के लिए प्रादेशिक इलाकों के ज्यादा से ज्यादा पेड़ों पर ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। पुराने 50 के अलावा 100 नए कैमरे लगाए गए हैं।

कहां-कहां लगे हैं कैमरे : दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड़, कोंढाली, काटोल, हिंगना, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, बुटीबोरी, खापा वन क्षेत्र आदि इलाके को कवर करने के लिए उक्त नए कैमरे लगाए गए हैं।

शिकार पर लगेगी रोक : वर्तमान स्थिति में प्रादेशिक इलाके में 150 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य बाघों की गतिविधियों पर नजर रखना है। इससे मानव-वन्यजीव में होने वाले संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी, वही अवैध शिकार के मामलों में भी यह काम आएंगे। - डॉ. भारत सिंह हाडा, डीएफओ, वन विभाग (प्रादेशिक) नागपुर

ग्रामीणों पर भी नजर : इन वन क्षेत्रों के आसपास कई गांव बसे हैं, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। वन विभाग के मना करने के बाद भी ग्रामीण वन क्षेत्रों में प्रवेश कर जाते हैं और लकड़ियां तोड़ने से लेकर पशुओं को चराने का काम करते हैं। इससे मानव व वन्यजीवों में आए दिन संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इससे कई बार ग्रामीणों की जान भी चली जाती है। इस संघर्ष में वन्यजीव भी मारे जाते हैं। प्रतिवर्ष संघर्ष के आंकड़े बढ़ रहे हैं। कैमरों को लगने से इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

Created On :   16 March 2024 3:00 PM IST

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