शिक्षा: विदेशी स्कॉलरशिप : दमनकारी शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

विदेशी स्कॉलरशिप : दमनकारी शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
  • हाई कोर्ट ने कहा यह सरकार का नीतिगत निर्णय
  • ग्रेजुएशन में 75 फीसदी अंक जरूरी
  • जनहित याचिका दायर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार द्वारा "राजश्री शाहू महाराज विदेशी स्कॉलरशिप' योजना पर लगाए गई दमनकारी शर्तों को चुनौती देनी वाली जनहित याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने खारिज कर दी। कोर्ट ने मौखिक निरीक्षण में कहा कि, यह सरकार का नीतिगत निर्णय है। ग्रेजुएशन में 75 फीसदी अंक जरूरी यह शर्त प्रतिभाशाली छात्रों के लिए और इसमें कोई गलत नहीं है। सरकार ने मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए यह योजना शुरू की है। तो यह योजना सामान्य रूप से कैसे क्रियान्वित होगी? यह भी सवाल कोर्ट ने उठाया।

किन बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी : नागपुर खंडपीठ में "द प्लॅटफॉर्म' संस्था के सदस्य राजीव खोब्रागडे ने जनहित याचिका दायर कि थी। याचिका के अनुसार, छत्रपति राजर्षि शाहू महाराज परदेश छात्रवृत्ति के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए किया जाने वाला खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यह पूरा खर्च राज्य सरकार का समाज कल्याण विभाग करता है। लेकिन, इस साल सरकार की ओर से कई दमनकारी शर्तें लगा दी गई हैं। जिन अभिभावकों की आय 8 लाख से अधिक है उनके बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। पहले शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने वालों के लिए आय की कोई शर्त नहीं थी।

ग्रेजुएशन में 75% अंक जरूरी : इसके अलावा अब ग्रेजुएशन में 75 फीसदी अंक जरूरी हैं। पहले यह 55 फीसदी था। खास तौर पर परिवार से केवल एक ही विद्यार्थी को इस छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। इसके लिए दो जमानतदार भी देने होंगे। सरकार के इस फैसले से छात्रों को 30 से 40 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसलिए गरीब छात्रों पर लाखों रुपये का बोझ पड़ेगा। इससे भविष्य में शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या पर भी काफी असर पड़ने की संभावना है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सरकार का यह फैसला गरीब छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा से वंचित करने का एक तरीका है। मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद मौखिक निरीक्षणों के साथ याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता की ओर एड. शेखर समन ने पैरवी की।


Created On :   27 Jun 2024 10:09 AM GMT

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