आर्गन डोनेट: अंगदान की अनुमति देने से इनकार का डर इसलिए आर्थिक मदद का बढ़ाते हैं हाथ

अंगदान की अनुमति देने से इनकार का डर इसलिए आर्थिक मदद का बढ़ाते हैं हाथ
  • आर्थिक लेन-देन करना नियम विरुद्ध
  • फिर भी मजबूरी देख करते हैं मदद
  • कर्ता-धर्ता चले जाने से रखते हैं अपेक्षा

चंद्रकांत चावरे, नागपुर। मृत्यु किसी की आर्थिक स्थिति को देखकर नहीं आती। कई बार गरीब, निर्धन परिवार के कमाने वाले व्यक्ति का किसी कारण से ब्रेन डेड हो जाता है। ऐसे में विभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति के समन्वयकों द्वारा अंगदान के लिए प्रेरित किया जाता है। समिति की तरफ से अंगदाता का मृत देह घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभायी जाती है। कई बार इकलौता कमाने वाला चले जाने से परिजनों की कुछ अपेक्षा होती है। परिजन आर्थिक मदद चाहते हैं, जबकि ऐसा कोई प्रावधान सरकार की तरफ से नहीं है। अंगदाता के परिवार की अपेक्षा अधिकतम 10 हजार रुपए की होती है। यह राशि नहीं मिलने पर परिजन अंगदान की अनुमति देने से इनकार भी कर सकते हैं। इस स्थिति से निपटने समन्वयक स्वयंसेवी संगठन के माध्यम से मदद करते हैं। दो महीने में दो ऐसे मामले हो चुके हैं, जबकि अंगदान के मामले में पैसे के लेन-देन को अवैध बताया गया है।

अंगदान से पहले परिजनों ने मांगी आर्थिक मदद : मंगलवार को मेडिकल में ब्रेन डेड की पुष्टि हो चुके 23 साल का युवा के परिजनों का एक स्वयंसेवी संस्था के समुपदेशक द्वारा समुपदेशन किया जा रहा था, ताकि युवक के अंगदान से कुछ जरुरतमंद मरीजों को नया जीवन मिल सके। परिजनों ने अंगदान की अनुमति से पहले संबंधित समुपदेशक से आर्थिक मदद की मांग की। तब इस समन्वयक ने एक समाजसेवी को कॉल कर हालात से अवगत कराया। तब इस समाजसेवक ने मदद के लिए हामी भरी, लेकिन दोबारा कॉल नहीं आने से ध्यान नहीं दिया। इस बारे में संबंधित समुपदेशक से बात करने पर उन्होंने बताया कि कभी-कभी ऐसा होता है कि, किसी परिवार का इकलौता कमाने वाले का ब्रेन डेड हो जाता है। एंबुलेंस से मृतदेह ले जाने की सुविधा उपलब्ध करा दी जाती है, लेकिन परिवार के पास बाद की प्रक्रिया करने के लिए, कुछ दिनों का गुजारा चलाने के लिए पैसे नहीं होते। उनकी मजबूरी को देखते हुए वे अंगदान करने से पहले आर्थिक सहायता चाहते हैं। नाममात्र सहायता नहीं मिलने पर अंगदान की अनुमति नहीं मिल पाएगी, इस डर से परिजनों को आर्थिक सहायता की जाती है। मंगलवार को जिस ब्रेन डेड युवा के परिजनों का समुपदेशन किया जा रहा था, वह युवा परिवार में अकेला कमाने वाला था। मां-बाप अकेले हैं। मां-बाप ने आर्थिक सहायता मांगी। अप्रैल माह में भी ऐसा एक मामला हुआ था।

पैसे की मांग करना व देना, दोनों नियम गलत : सूत्राें ने बताया कि, विभागीय अंग प्रत्यारोपण समन्वयक समिति के एक अंगदान समन्वयक ने बताया कि, दान के बदले कुछ नहीं मांगा जा सकता। यह स्वैच्छिक होता है। अंगदान के मामले में भी दान करते समय पैसे की मांग करना या देना, दोनों ही अवैध है। इसे अंग बिक्री माना जा सकता है। अंगदाता के परिजनों की आर्थिक समस्या को हल करने मदद का कोई प्रावधान नहीं है। समिति के माध्यम से सालभर में होने वाले अंगदान में कई बार अंगदाता के परिजन गरीब या निर्धन परिवार के होते हैं। उन परिवारों को मृतदेह ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करा देने का प्रावधान है। जिले में जनवरी से 20 मई तक 21 अंगदान हुए है। 2013 को अंगदान की शुरुआत हुई थी। कुल 151 अंगदान हो चुके हैं।

आर्थिक स्थिति देखकर मदद का अनुरोध : मंगलवार को समुपदेशन के दौरान अंगदाता के परिजनों ने 10 हजार रुपए मदद की गुहार लगायी थी। उनकी आर्थिक हालत काफी कमजोर है। घर में कमाने वाला इकलौता था। उसके जाने के बाद परिजनों के पास पेट पालने की समस्या पैदा होगी। उनकी मजबूरी को देखते हुए मदद करने के लिए समाजसेवी से किया जाता है। -वीणा वाठोरे, समन्वयक व प्रकल्प व्यवस्थापक, मोहन फाउंडेशन नागपुर

मदद का प्रावधान होना चाहिए : मुझे कॉल आया था। इसके बाद मैने आपको जानकारी दी। इसके पहले भी एक मामले में कॉल आया था। अंगदाता परिजनों की आर्थिक स्थिति व मजबूरी देखकर स्वयंसेवी संस्थाएं मदद करती हैं, जबकि इसके लिए सरकार को अलग से प्रावधान करना चाहिए। अंगदाता का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होना चाहिए। -नरेंद्र सतीजा, प्रचारक- रक्तदान, अंगदान, देहदान अभियान

दान का अर्थ नि:स्वार्थ दान है : अंगदान करना स्वैच्छिक है। इसके लिए समुपदेशन किया जाता है। परिजनों की अनुमति के बाद अंगदान की प्रक्रिया पूरी की जाती है। अंगदाता का परिवार इस कार्य के लिए पैसे की मांग नहीं कर सकता। मजबूरी में आर्थिक मदद करना भी नियमबाह्य है। दान का अर्थ नि:स्वार्थ रूप से दान होता है, इसमें स्वार्थ या आर्थिक लेन-देन का विषय नहीं आना चाहिए। मैं संबंधित मामले की जानकारी लेता हूं। -दिनेश मंडपे, अंगदान समन्वयक, विभागीय प्रत्यारोपण समन्वयक समिति, नागपुर

Created On :   24 May 2024 5:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story