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कोर्ट-कचहरी: रितु मालू को जमानत , कोर्ट ने कहा - गिरफ्तारी अवैध, पुलिस को लगाई फटकार
- रामझूला पर कार से दो मित्रों को कुचलने का मामला
- पुलिस पर प्रकरण में जान-बूझकर गलत धाराएं लगाने का आरोप
- पूर्व में दाखिल पुलिस की अर्जी पर सुनवाई बाकी होने से गिरफ्तारी को अवैध ठहराया
डिजिटल डेस्क, नागपुर । चर्चित रामझूला हादसे में आरोपी महिला कार चालक की गिरफ्तारी को जिला सत्र अदालत ने अवैध ठहराया है। यही नहीं, कोर्ट ने तहसील पुलिस को कड़ी फटकार भी लगाई। इसके बाद आरोपी महिला को जमानत पर छोड़ दिया गया।
हादसे से फरारी तक की घटना : आरोपी महिला कार चालक रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू न्यू देशपांडे ले-आउट निवासी है। उसने नशे की हालत में कार चलाते हुए 25 फरवरी 2024 को रामझूला पर मोटरसाइकिल सवार दो मित्र मोहम्मद हुसैन और आतिक जिया को उड़ा दिया था। हादसे में दोनों की मौत हो गई। हादसे की भीषणता से मामला चर्चा में रहा। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। प्रकरण के तूल पकड़ने से पुलिस को कटघरे में खड़ा किया गया। आरोप था कि पुलिस ने प्रकरण में जान-बूझकर गलत धाराएं लगाई हैं, इस कारण रितु को जमानत मिल गई। उसके बाद पुलिस ने प्रकरण में गैर-इरादतन हत्या की धारा इसमें जोड़ी।
पीसीआर मांगने से मिली फटकार : इस बीच नाटकीय घटनाक्रम के तहत सोमवार की दोपहर रितु पति दिनेश व ससुर बजरंग मालू के साथ तहसील थाना पहुंची और पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। मंगलवार की दोपहर पुलिस ने उसे कोर्ट क्र. 4 की मा.न्यायाधीश खेडकर मैडम के समक्ष पेश किया। पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए रितु को सात दिन के लिए पुलिस पीसीअार में देने की मांग की, जबकी रितु के वकील ने पूर्व में हुई गिरफ्तारी को आधार बनाकर रितु को जमानत देने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने प्रलंबित अर्जी को लेकर रितु की गरफ्तारी को अवैध करार दिया और पुलिस को फटकार लगाते हुए रितु को जमानत पर छोड़ दिया।
12 जुलाई को सुनवाई : घटना की पृष्ठभूमि को देखते हुए, 25 फरवरी को हुई हादसे के बाद रितु मालू को जमानत दे दी गई थी। हालांकि, दोनों घायलों की मौत के बाद रितु पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। बाद में 7 मार्च को पुलिस ने दोबारा कोर्ट में मालू की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए अर्जी दायर की थी। हालांकि, कोर्ट ने सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया। उसके खिलाफ उसी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। चूंकि यह अर्जी अभी भी अदालत में प्रलंबित है, इसलिए रितु की ओर से दलील दी गई कि रितु को पुलिस हिरासत नहीं दी जा सकती। इस मामले को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने रितु की हिरासत की पुलिस की मांग खारिज कर दी। इस पुनर्विचार अर्जी पर 12 जुलाई को सुनवाई तय की गई है। इस पर फैसले के बाद ही रितु की गिरफ्तारी संभव है। रितु मालू की ओर से एड. प्रकाश जयस्वाल और राज्य सरकार की ओर से एड. मेघा बुरंगे ने पैरवी की।
पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी पुलिस :आरोपी रितु की जमानत पर पुलिस को झटका लगा है। अब वह संबंधित कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने वाली है। प्रकरण की जांच बाकी होने से उसकी जमानत रद्द कर उसे गिरफ्तार करने व पीसीआर में देने की मांग करने वाली है।
एक्सपर्ट व्यू : इसलिए गिरफ्तारी अवैध : प्रकरण में रितु मालू को पहले जमानत मिली थी। जमानत रद्द करने के लिए पुलिस ने याचिका दायर की है, जो कि प्रलंबित है। उसके बाद पुलिस ने रितु मालू को गिरफ्तार किया है। भले ही उसने समर्पण किया है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के लिए संबंधित कोर्ट की अनुमति लेना अनिवार्य था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया, जिसका लाभ तकनीकी कारणों से रितु को मिला है। -एड. हितेश खंडवानी
Created On :   3 July 2024 9:29 AM GMT