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तफ्तीश: नागपुर ग्रामीण आरटीओ में जांच जारी खंगाले जा रहे 3 साल तक के रिकॉर्ड
- कछुआ गति से चल रही है जांच
- पुलिस जमानत निरस्त कराने में लगी
- संबंधित कंपनी को भेजे गए पत्र
डिजिटल डेस्क, नागपुर । नागपुर के ग्रामीण आरटीओ में फर्जी रजिस्ट्रेशन मामले में विभागीय जांच कछुआ गति से चल रही है। अधिकारी पिछले तीन साल के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। 1024 संदिग्ध वाहनों की सूची तैयारी की गई थी, जिसके नंबरों की जांच की जा रही है। कुछ गाड़ियों के चेसिस नंबर और इंजन नंबर की जांच के लिए संबंधित कंपनियों को पत्र भी लिखे गए हैं। विभागीय अधिकारियों से पूछने पर एक ही जवाब मिलता है कि जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद परिणाम सामने आएगा।
पुणे की बैठक में भी उठा था मुद्दा : पुणे में हुई आरटीओ की विभागीय बैठक में भी नागपुर ग्रामीण आरटीओ की जांच की प्रगति का मामला उठा था। जांच कमेटी ने बताया कि 3 साल के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। बता दें कि कुछ महीने पहले मुंबई में चोरी के वाहन पकड़े गए थे, जिसका रजिस्ट्रेशन नागपुर, अमरावती सहित कई अन्य आरटीओ में हुआ था। इसकी मुंबई पुलिस विशेष जांच कर रही है। पकड़े गए वाहनों में सभी भारी वाहन हैं। इसके बाद मुंबई की एक टीम नागपुर ग्रामीण में पहुंची थी। जांच में सामने आया था कि पकड़े गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन नागपुर ग्रामीण आरटीओ से ही हुआ था। इसके बाद इन वाहनों के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। मामला तुल पकड़ने के बाद परिवहन आयुक्त द्वारा एक समिति गठित की गई थी, जो इसकी जांच कर रही है। नाशिक के आरटीओ के नेतृत्व में यह टीम जांच में लगी है। टीम द्वारा सैकड़ों वाहनों का डाटा निकाला गया है, लेकिन लंबे समय बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। अब इसे गति मिल सकती है, क्योंकि हाल ही में पुणे में परिवहन आयुक्त की ओर से एक बैठक ली गई थी, जिसमें राज्य के 50 आरटीओ अधिकारियों की उपस्थिति थी। बैठक में आरटीओ से संबंधित समस्या आदि की चर्चा भी हुई।
अभी जांच चल रही है मामले की जांच चल रही है। दो से तीन साल के वाहनों के रिकॉर्ड खंगालने में थोड़ा समय लगेगा। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति सामने आएगी, इसके पहले नहीं। जांच के दौरान किसी बेगुनाह को परेशानी न हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। - विवेक भीमनवार, परिवहन आयुक्त, महाराष्ट्र
पुलिस जमानत निरस्त करवाने में जुटी : सूत्रों के अनुसार इस मामले में पुलिस को जिन अधिकारियों और स्टॉफ से पूछताछ करनी है, वह अग्रिम जमानत लेकर बैठ गए। पुलिस के नोटिस के बाद भी मुंबई पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। इस पर पुलिस उन्हें नोटिस पर नोटिस भेजकर उनकी अग्रिम जमानत निरस्त करवाने के प्रयास में जुटी हुई है, ताकि उनकी गिरफ्तारी की जा सके।
Created On :   30 May 2024 4:12 PM IST