फर्जीवाड़ा: 40 लाख के ट्रक पर लेते हैं 20 लाख का कर्ज, फाइनेंस कंपनियां प्रत्यक्ष वाहन नहीं देखतीं

40 लाख के ट्रक पर लेते हैं 20 लाख का कर्ज, फाइनेंस कंपनियां प्रत्यक्ष वाहन नहीं देखतीं
  • अमरावती आरटीओ में 7 माह में 7 ट्रकों की हुई पासिंग
  • सभी वाहनों को अरुणाचल प्रदेश के आरटीओ ने दिए थे फिटनेस प्रमाणपत्र
  • स्टाम्प पेपर खरीदकर शिवाजी गिरी, मो. इकबाल व सै. फईम ने बनाए प्रतिज्ञापत्र

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम व आसाम से दर्जनों ट्रकों को अमरावती, नागपुर और नई मुंबई आरटीओ में एनओसी और स्थानीय लोगों के नाम से खरीदी दिखाकर न्यू रजिस्ट्रेशन (पासिंग) दिये जाने के मामले में नई मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच पिछले दो माह से गहन जांच-पड़ताल में लगी है। हालांकि अब तक यह फर्जीवाड़ा चोरी के ट्रकों का होने का अनुमान लगाया गया, लेकिन दैनिक भास्कर के हाथ लगे तथ्यों से यह आशंका सामने आई है कि यह फर्जीवाड़ा चोरी के ट्रकों का नहीं बल्कि ऑनलाइन रिकॉर्ड पर गाड़ियां दिखाकर उस पर फाइनेंस कंपनियों से लाखों रुपए का कर्ज लेकर चंपत हो जाने का है। इस तरह यह फर्जीवाड़ा करोड़ों में होने की आशंका भी बलवती हुई है। इस बीच, फिर एक बार शुक्रवार को अमरावती पहुंची नई मुंबई क्राइम ब्रांच की चार सदस्यीय टीम ने अमरावती आरटीओ में दबिश दी। विभिन्न फाइनेंस कंपनियों को ऑनलाइन ट्रकों का रजिस्ट्रेशन दिखाकर लाखों रुपए का कर्ज लिया गया।

एक ट्रक की कीमत लगभग 40 लाख है तो कम से कम 20 लाख रुपए का कर्ज फाइनेंस कंपनी से मिलता है। इसके लिए केवल वाहन के दस्तावेज संबंधित फाइनेंस कंपनी में जमा करने होते है। यह फाइनान्स कंपनियां भी आरटीओ की एम-परिवहन वेबसाइट पर जाकर उन ट्रकों के बारे में छानबीन करती है। जिस पर कर्ज का प्रस्ताव है। प्रत्यक्ष वाहन देखे नहीं जाते अथवा किसी तरह का कोई बहाना कर दिया जाता। इसमें फाइनेंस कंपनी के संबंधित ब्रोकर को भी मोटा कमीशन दिया जाता है। इस तरह ऑनलाइन वाहन दिखाकर लाखों-करोड़ों के व्यारे-न्यारे किये जाने का यह पूरा फर्जीवाड़ा होने का अनुमान है।

अरुणाचल प्रदेश जैसे दूसरे राज्य के ट्रकों को अमरावती आरटीओ से न्यू रजिस्ट्रेशन नंबर (पासिंग) दिये जाने के मामले में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। नई मुंबई पुलिस द्वारा अमरावती आरटीओ के असिस्टंेट आरटीओ सिध्दार्थ ढोके, असिस्टंेट इन्स्पेक्टर गणेश वरूठे व असिस्टंेट इन्सपेक्टर (मोटर) भाग्यश्री पाटील को 30 अप्रैल को मुंबई में बुलाकर गिरफ्तार किये जाने के बाद से प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में जबरदस्त हड़कंप मचा है।

दैनिक भास्कर ने इस मामले की तह तक जाने का प्रयास किया। तब तीन नाम ऐसे सामने आए, जिन्होंने अमरावती से स्टाम्प पेपर खरीदे और यहीं पर एफिडेविट बनाए। जिसके माध्यम से अरुणाचल प्रदेश द्वारा पासिंग किए गए ट्रकों को अमरावती के व्यक्ति द्वारा खरीदी किए जाने के कागजात जोड़कर कुल 7 ट्रकों की अमरावती आरटीओ में पासिंग की। 27 जून 2023 को एक, 20 अगस्त 2023 को एक, 11 अक्टूबर 2023 को दो, 24 नवंबर 2023 को दो और 5 दिसंबर 2023 को एक ट्रक की पासिंग की गई।

अमरावती जिले की अचलपुर तहसील के गांव पथ्रोट निकट जनुना निवासी शिवाजी आसाराम गिरी के नाम से दो। इसी गांव के अंकुश केशव बोडखे के नाम से एक, अमरावती के मसानगंज निवासी मो. इकबाल मो. फारुख के नाम से एक और अमरावती के ही गुलिस्ता नगर निवासी सैयद फईम सैयद साबीर के नाम से एक एफिडेविट जोड़कर अमरावती आरटीओ में पासिंग किए गए। आरटीओ सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2020 में वाहन के पासिंग के जो नए नियम बने है। उसके अनुसार दूसरे प्रांत के वाहन अगर स्थानीय व्यक्ति खरीदता है तो वहां के आरटीओ कार्यालय द्वारा पासिंग किए गए ऑनलाइन कागजातों को देखा जाता है। नए नियम के अनुसार वाहन को आरटीओ में लाना जरूरी नहीं रहने से पासिंग किए गए यह एक भी वाहन अमरावती आरटीओ कार्यालय में नहीं लाए गए थे।

गिरी और बोडखे जनुना गांव के निवासी नहीं : इस मामले में जनुना गांव के निवासी बताए गए शिवाजी आसाराम गिरी, उसके पिता आसाराम गिरी और अंकुश केशव बोडखे के बारे में दैनिक भास्कर ने पता लगाया। तब अचलपुर तहसील के पथ्रोट गांव के निकट शहानुर प्रकल्प के पास जनुना गांव है। इस गांव के पुलिस पटेल ने बताया कि गांव में शिवाजी गिरी, आसाराम गिरी और अंकुश बोडखे नाम के कोई व्यक्ति नहीं रहते। इससे स्पष्ट होता है कि इन तीनों के आधार कार्ड भी फर्जी बनाए गए थे।

मामला उजागर होते ही आरटीओ में पसरा सन्नाटा : आरटीओ कार्यालय में दरअसल सप्ताह में कार्यालयीन कामकाज के सभी दिन वाहन पासिंग और लाइसेंस धारकों की भीड़ लगी रहती है। किंतु आरटीओ में इस फर्जीवाड़े में तीन अधिकारियों की गिरफ्तारी से शुक्रवार को आरटीओ कार्यालय में पूरी तरह सन्नाटा देखा गया। आरटीओ कार्यालय की सभी 36 खिड़कियों में से किसी भी खिड़की पर एजेंट और कर्मचारी नजर नहीं आए।

छह एफिडेविट तहसील से और दो सेतु पर बनाए गए : इस मामले में शिवाजी गिरी, आसाराम गिरी और अंकुश बोडखे ने जो एफिडेविट दाखिल किए हैं। वह सभी मुद्रांक विक्रेता जयवंत देशमुख से खरीदे गए स्टाम्प पर बनाए गए और उन पर नायब तहसीलदार घोडेस्वार के नाम का सिक्का और हस्ताक्षर है। इसके अलावा मो. इकबाल मो. फारुक और सैयद फईम सैयद साबीर ने जो एफिडेविट बनाए गए वह शहर के पश्चिमंी इलाके के सेतु केंद्र पर बनाए गए है।

आरटीओ एजेंट की तलाश में मुंबई पुलिस पहुंची : नई मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की चार सदस्यीय टीम शुक्रवार को सुबह 11 बजे नागपुर क्राइम ब्रांच के साथ अमरावती आरटीओ पहुंची। पुलिस अधिकारी देसाई के नेतृत्व में यह टीम अमरावती के उन आरटीओ एजेंट की तलाश में है। जिनकी इस पूरे फर्जीवाड़े में लिप्तता होने की भनक नई मुंबई पुलिस को लगी है। इस पुलिस टीम ने अमरावती के अन्सार नगर में रहने वाले एक आरटीओ एजेंट की तलाश की। यह भी पता चला है कि जिसके नाम से 2 ट्रकों की पासिंग हुई। उस शिवाजी गिरी को भी नई मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।

Created On :   4 May 2024 2:09 PM IST

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