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आदेश: वैद्यकीय उपकरण खरीदी को लेकर हाई कोर्ट के तेवर तल्ख, सरकार काे फटकार
- अदालत ने कहा- चुनाव चल रहा इसका मतलब यह नहीं कि सब कुछ रुक गया
- आवश्यक खरीदारी करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
- आचार संहिता को न बताएं कारण
डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि आचार संहिता के कारण मेडिकल अस्पताल में लगने वाले आवश्यक वैद्यकीय उपकरणों की निविदा न रोकें, साथ ही उपकरण खरीदी की प्रक्रिया पूरी करने को भी कहा था। फिर भी राज्य सरकार ने बहाना दिया है कि देश में आचार संहिता लागू है और इस दौरान नई निविदा प्रक्रिया शुरू करना और उसके जरिए खरीदारी पूरी करना संभव नहीं है। सरकार के इस जवाब पर मंगलवार को कोर्ट ने जमकर फटकारा। कोर्ट ने कहा कि देश में चुनाव चल रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ रुक गया है। चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक खरीदारी करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में बाथरूम, शौचालय और मरीजों की सुविधाओं का निर्माण न करने का कारण आचार संहिता को न बताएं।
इस बात से कोर्ट नाराज : शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर बाॅम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। मामले पर मंगलवार को न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम. एस. जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई। इस बार भी राज्य सरकार ने कोर्ट को आचार संहिता की समस्या बताई तो कोर्ट ने उक्त आदेश दिया। सरकार ने पिछली बार भी यही कारण बताया था। उस समय कोर्ट ने बिना समझौता किए खरीद का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने दोबारा आचार संहिता का कारण बताने से कोर्ट ने नाराजगी जताई। न्यायालय मित्र के तौर पर एड. अनुप गिल्डा, राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील फिरदौस मिर्झा, एड. दीपक ठाकरे और एनएमआरडीए की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।
कैंसर अस्पताल का 20 %काम पूरा : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एनएमआरडी को टीबी वार्ड परिसर में बनने वाले कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्य की प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है। इसके चलते मंगलवार को एनएमआरडी ने कोर्ट को बताया कि, कैंसर अस्पताल का 20 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
तीन महीने में कैथ लैब : मेडिकल और सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों में कुछ मेडिकल उपकरण खरीदे जाने हैं। इसमें कैथ लैब के उपकरण भी शामिल हैं। सरकार ने कोर्ट को बताया कि खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और तीन महीने के भीतर यह पूरी हो जाएगी। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि डायलिसिस के लिए आरओ प्लांट मई के अंत तक पूरा हो जाना चाहिए।
Created On :   24 April 2024 12:29 PM IST