विरोध: एपीएमसी बंद, व्यापारियों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और धरना-प्रदर्शन किया

एपीएमसी बंद, व्यापारियों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और धरना-प्रदर्शन किया
  • धान्य बाजार रहा प्रभावित
  • सब्जी, मिर्च, आलू-प्याज मार्केट में दुकानें खुली रहीं
  • नया विधेयक से कृषि उत्पन्न बाजार समिति का अस्तित्व खतरे में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार ने बाजार समिति की नीतियों में बदलाव कर चुनाव न लेते हुए स्थायी रूप से प्रशासक की नियुक्ति कर कार्यभार चलाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के विरोध में सोमवार को कृषि उत्पन्न बाजार समिति के संचालक मंडल की ओर से एक दिवसीय बंद का आह्वान किया गया था। कलमना मंडी में इस बंद का कुछ खास असर नहीं दिखाई दिया। केवल धान्य बाजार के व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर प्रदर्शन किया। मंडी में सब्जी, मिर्च, आलू-प्याज मार्केट में दुकानें खुली रहीं और नियमित कामकाज हुआ।

बाजार समिति का अस्तित्व खतरे में लाने का प्रयास : बंद के दौरान धान्य गंज में व्यापारियों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी और धरना-प्रदर्शन किया। एपीएमसी के संचालक अतुल सेनाड ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बंद को 100 प्रतिशत सफल बताया है। उन्होंने बताया कि नया विधेयक राज्य में कृषि उत्पन्न बाजार समिति का अस्तित्व धोखे में लाने का षड़यंत्र है। अतुल सेनाड, धान्य गंज आढ़तिया मंडल के अध्यक्ष सारंग वानखेडे, सचिव स्वप्निल वैरागडे के नेतृत्व में मंडल के कार्यालय में सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें एकमत से इस कानून का विरोध किया गया। सभा में राजू उमाठे, रहमान शेख, रामेश्वर हिरूडकर, उदयराव आकरे, राजेश सातपुते, संजय उमाठे, मनोज भालोटिया, महेंद्र अग्रवाल आदि शामिल हुए।

दुकानदारी होगी बंद इसलिए किया जा रहा विरोध : राष्ट्रीय बाजार समिति के रूप में नागपुर, पुणे, नाशिक, मुंबई का समावेश होने के कारण कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सभी पदाधिकारियों की दुकानदारी बंद होगी। इससे किसानों व आढ़तिया का काम किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होगा। किसान, आढ़तिया और हमालों की आड़ में गैरकानूनी तरीके से बंद का आह्वान समिति द्वारा किया गया। विधायक कृष्णा खोपडे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 विधानसभा विधेयक 64 के तहत अधिनियम 1963 में केंद्र शासित कृषि मंडी मंें समाविष्ट किया है। इससे किसान और आढ़तिया को लाभ ही होगा। विधायक ने बताया कि कृषि उत्पन्न बाजार समिति के प्रशासन द्वारा नियुक्त ए.डी.पाटील की जांच रिपोर्ट में समिति व सचिव के खिलाफ 50 पन्ने की रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें काफी गंभीर आरोप लगाए गए थे। खंडागले समिति द्वारा हाल ही में प्रस्तुत रिपोर्ट में भी पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष, सचिव के विरुद्ध गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं।

Created On :   27 Feb 2024 11:35 AM IST

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