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ना तुम बोले न हम: मंच तो कर लिया साझा, मगर वर्तमान व पूर्व गृहमंत्री ने आंखें तक नहीं मिलाई
- देवेंद्र फडणवीस व अनिल देशमुख के बीच चल रही जुबानी जंग
- हेल्थ सेंटर के लोकार्पण का था कार्यक्रम
- फडणवीस समर्थक नेता भी रहे मौन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य ही नहीं देश की राजनीति का हॉट विषय बने महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस व पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को एक मंच साझा किया। कार्यक्रम में तालियां बजी,घोषणाएं हुई,समन्वय की बातें भी हुई लेकिन फडणवीस व देशमुख के बीच मौन कायम रहा। दोनों नेताओं ने आंख तक नहीं मिलायी। हालात यह थे कि पूर्व गृहमंत्री देशमुख बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की भूमिका में थे। कुछ समय वे फडणवीस के पास भी खड़े रहे। मगर बात नहीं हुई। फडणवीस सभागृह से बाहर निकले व अन्य कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। देशमुख भी उनके बाद सभागृह से बाहर चले गए।
क्या था कार्यक्रम
जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग की ओर से झिल्पा, भोरगढ व गाटपेंढरी में नवनिर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सुरेश भट सभागृह में था। कार्यक्रम में फडणवीस व देशमुख एकत्र आने की खबर थी। दोनों में संवाद की संभावना थी। दोपहर 12 बजे कार्यक्रम के आरंभ में देशमुख कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। कुछ समय बाद फडणवीस पहुंचे। दोनों साथ में ही मंच पर पहुंचे। नागपुर के पालकमंत्री के नाते फडणवीस ने स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण किया। 3 में से 2 स्वास्थ्य केंद्र अनिल देशमुख के काटोल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में है। लिहाजा कार्यक्रम के लिए जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग ने देशमुख को आमंत्रित किया था। मंच पर फडणवीस के दांयी ओर जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले , विधानपरिषद सदस्य परिणय फुके व उनके बाद अनिल देशमुख थे। देशमुख के बाद रामटेक के विधायक आशीष जैस्वाल व जिलाधिकारी विपीनकुमार इटनकर थे। देशमुख कुछ समय आशीष जैसवाल से चर्चा करते नजर आए। उनके बाजू में बैठे फुके व बावनकुले ने भी उनसे बात नहीं की। आशावर्कर्स से संवाद के समय देशमुख , फडणवीस के पास खडे थे लेकिन उस समय भी उनमें बात नहीं हुई।
बावनकुले-फुके ने भी की थी जमकर बयानबाजी
अनिल देशमुख ने आरोप लगाए कि जब वे गृहमंत्री थे तब देवेंद्र फडणवीस ने उनपर दबाव डालने का प्रयास किया था। ऐसा शपथपत्र तैयार करने को कहा था जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव इकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्री आदित्य ठाकरे, मंत्री अनिल परब की अड़चने बढ़ती। ठाकरे पिता पुत्र को जेल जाना पड़ता। देशमुख ने कहा कि दबाव में नहीं आया तो मुझे ही 13 माह के लिए जेल भेज दिया गया। फडणवीस ने इस आरोप को झूठा कहा है। बावनकुले ने कहा है कि अनिल देशमुख ढाई साल बाद केवल राजनीतिक लाभ के लिए आरोप लगा रहे है। परिणय फुके ने तो यह तक कह दिया कि अनिल देशमुख फिर से जेल जाएंगे। उनकी जमानत रद्द हो जाएगी। इस मामले में बयानों का दौर जारी है।
Created On :   2 Aug 2024 7:19 PM IST