संवाद: देश में बदलाव की सोच रखता यूथ, ‘सृजन संवाद’ से कनेक्ट हो रहे युवा

देश में बदलाव की सोच रखता यूथ,  ‘सृजन संवाद’ से कनेक्ट हो रहे युवा
  • देश के विकास में युवाओं की भागीदारी पर जोर
  • आरएसएस ने किया कार्यक्रम का आयोजन
  • वरिष्ठों ने किया मार्गदर्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत युवाओं का देश है। किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत युवा होते हैं। आज पूरे विश्व में भारत का युवा विभिन्न क्षेत्रों में परचम लहरा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए और एक पौधरोपण से उसके पेड़ बनने तक के विकास का उदारहण देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वार ‘सृजन संवाद' का आयोजन किया गया। इसमें शहर के उन युवाओं को बुलाया गया, जो देश के विकास में अपने सुझाव शेयर कर सकें, ताकि बीजारोपण से वृक्षारोपण तक के देश के विकास का सफर युवाओं के सुझाव से हो सके। इस मौके पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर (वक्ता) और अतिथि श्रीधर राव गाडगे उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने युवाओं को आरएसएस के कार्यों से अवगत कराया और समझाया कि वह किसी राजनीतिक पार्टी के समर्थक नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के समर्थक हैं, जो देश के विकास और बदलाव की सोच रखता है। इस सृजन संवाद का आयोजन चिटणवीस सेंटर में किया गया, जहां युवाओं की भागीदारी दिखी।

युवाओं की भागीदारी पर जोर : कई युवक ऐसे हैं, जो बिना किसी लेबल के जैसे वह जर्नलिस्ट, सोशल वर्कर, सरकारी कर्मचारी या किसी प्रोफेशन में न होते हुए काम कर रहे हैं और लोगों को जागरूक करते हुए अपनी देश के प्रति जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सोशल प्लेटफार्म एक ऐसा पावरफुल माध्यम है, जिसका सहारा युवा ले रहे हैं। यह अच्छी बात है कि इनसे लोग प्रभावित भी हो रहे हैं। उन्हें हम ‘इंफ्लुएंसर या कंटेंट क्रिएटर्स' के नाम से जानते हैं। इसमें युवाओं की भागीदारी अधिक है, जिसका नतीजा यह है कि नेशनल लेवल पर क्रिएटर्स अवार्ड हुए, जिसमें देश के प्रधानमंत्री ने सभी क्रिएटर्स की सराहना की और उन्हें अवार्ड से सम्मानित किया। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब राज्य और शहर स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शहर में पहले केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी और विधायक विकास ठाकरे द्वारा यूथ मीट आयोजित किया गया और अब आरएसएस ने यूथ को आमंत्रित कर उनसे उनकी सोच और विचार के बारे में जाना। इस दौरान सुनील आंबेकर और श्रीधर राव गाडगे ने सभी का मार्गदर्शन किया।

युवा विचार शेयर करें : आज से 90 साल पहले की बात करें, तो ऐसा नहीं था। लोगों तक उनकी परेशानियों, विचारों तक पहुंचने में घंटों का समय लगता था, लेकिन आज ऐसा नहीं है। अब बस कुछ सेकंड की बात रह गई है। हमने कई सालों से विकास में भागीदारी दी है। अब युवाओं से चाहते हैं कि वो देश के विकास में अपने विचार शेयर करें। आज के यूथ में काफी पोटेंशियल है, लेकिन कुछ युवा ऐसे होते हैं, जिन्हें मौका नहीं मिल पाता है। हम उनके लिए आगे आ रहे हैं। हम चाहते हैं कि आप हमें समझाएं कि आने वाले 25 सालों में आप देश को कहां देखना चाहते हैं। -सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख

जब जागो, तब सवेरा : अब सभी लोग हर कार्य में यूथ को शामिल करने की बात कर रहे हैं, तो मैं कहना चाहूंगा कि ‘जब जागो, तब ही सवेरा'। शुरुआत कहीं से भी हो, लेकिन शुरुआत होना जरूरी है, क्योंकि किसी भी दीवार को खड़ी करने के लिए उसकी नींव मजबूत होनी चाहिए। हम भी देश के विकास में युवाओं की मजबूत सोच की नींव रखना चाहते हैं, इसलिए पहल कर रहे हैं। -श्रीधर राव गाडगे, सह संघचालक

Created On :   31 May 2024 11:28 AM GMT

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