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विकास: हरित ऊर्जा को बढ़ावा , छोटे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की परत, 2 करोड़ की होगी बचत
- 1.183 मेगावॉट से ज्यादा बिजली हो रही पैदा
- 730 टन कार्बन डाइआक्साइड के उत्सर्जन में प्रतिवर्ष आएगी कमी
- 33,183 पेड़ों की एक तरह से हो सकेगी भरपाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे की ओर से सोलर को बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्य रेलवे नागपुर मंडल के छोटे स्टेशनों पर सोलर की परत लगाई गई है, जिससे 1.183 मेगावॉट तक बिजली पैदा की जा रही है, जो इन स्टेशनों की बिजली की जिम्मेदारी संभालने के लिए काफी है। इससे हर साल दो करोड़ रुपये की बचत होगी। वर्तमान में मंडल में अजनी के अलावा नागपुर, वरोरा, मुल्ताई, घोड़ाडोंगरी, जोलखेड़ा, धाराखोह, मरामझिरी, ताकू, बरबटपुर, बूटीबोरी, डोडरामोहर, पोलपत्थर, धामनगांव और चान्दूर जैसे दूरवर्ती रेलवे स्टेशन पर भी सोलर संयंत्र की स्थापना की गई है, एवं ये सभी सोलर संयंत्र कार्यरत हैं।
नागपुर मंडल मध्य रेल का काम उल्लेखनीय : भारत सरकार 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में नागपुर मंडल मध्य रेल ने उल्लेखनीय कार्य किया है। नागपुर मंडल ने हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर विद्युत जनरेशन के क्षेत्र मे उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है। इस दिशा में जनवरी को अजनी में एक मेगावॉट के सोलर संयंत्र की स्थापना और विधिवत परीक्षण कर लिया गया है। यह पूर्णतः पावर परचेस एग्रीमेंट मोडेल पर आधारित है, जो आने वाले पच्चीस वर्षों तक सतत सेवा देने वाली है। मंडल द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अपने लक्ष्य के अनुरूप 1.148 मेगावॉट पावर की क्षमता विकसित की गई है, इससे नागपुर मंडल की कुल सोलर पावर जनरेशन की क्षमता 1.183 मेगावॉट पावर हो गई है। इसके अलावा लगभग 210 केडब्ल्यू क्षमता के 23 रुफटॉप सोलर संयंत्र अन्य स्टेशनों पर लगाए जाने का कार्य प्रगति पर है। गर्मियों में काम पूरा हो जाने की संभावना है।
दो करोड़ से ज्यादा की बिजली बचत : वर्तमान मे सोलर जनरेशन से मंडल को प्रतिवर्ष लगभग सत्रह लाख सत्ताइस हजार यूनिट विद्युत ऊर्जा की बचत होगी, जिससे लगभग दो करोड़ उनसठ लाख रुपए प्रति वर्ष अनुमानित मुनाफा होने की संभावना है। इससे प्रतिवर्ष 730 टन कार्बन डाइआक्साइड के उत्सर्जन में भी कमी आएगी तथा लगभग 33,183 पेड़ों की भरपाई हो सकेगी। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी नागपुर मंडल को अगले चरण में 1.5 एमडब्ल्यू सोलर संयंत्र लगाने का लक्ष्य मिला है और इस दिशा मे भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।
इसे जानें ः मेगावॉट का उपयोग आमतौर पर किसी बिजली संयंत्र के उत्पादन, या किसी शहर के लिए आवश्यक बिजली की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। परमाणु नियामक आयोग के अनुसार, एक मेगावॉट क्षमता एक वर्ष में 400-900 घरों द्वारा खपत की जाने वाली बिजली के बराबर है। एक मेगावॉट में 1000 किलोवाट या एक मेगावॉट में 1000000 वाट होते हैं।
Created On :   16 May 2024 11:13 AM IST