आक्रोश: समाज कल्याण विभाग को लगाया ताला, दिव्यांगों की बार-बार गुहार के बावजूद मांगों पर गौर नहीं

समाज कल्याण विभाग को लगाया ताला, दिव्यांगों की बार-बार गुहार के बावजूद मांगों पर गौर नहीं
  • दूसरे विभाग के अधिकारियों ने की मध्यस्थता
  • समाज कल्याण विभाग में जड़ा ताला
  • मांगों को लेकर फैला है असंतोष

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिव्यांगों की विविध समस्याएं और मांगों को लेकर बार-बार निवेदन देने के बावजूद प्रशासकीय स्तर पर कोई हल नहीं निकाला जा रहा है। इस बात से संतप्त विदर्भ दिव्यांग संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सोमवार को जिला परिषद में दस्तक दी। उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग को ही ताला ठोक दिया। इससे जिला परिषद में हड़कंप मच गया। अंतत: वरिष्ठ अधिकारियों ने मध्यस्थता कर दिव्यांगों को समझाया, तब जाकर दिव्यांगों ने ताला खोला।

दूसरे विभाग के अधिकारियों ने की मध्यस्थता

सूत्रों के अनुसार, दिव्यांगों की कुछ समस्याएं व मांगों को लेकर जिलाधिकारी से बैठक की अपेक्षा की जा रही है, लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से समय नहीं दिया हा रहा है। ऐसा आरोप समिति ने लगाया है। इसलिए संतप्त विदर्भ दिव्यांग संघर्ष समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग पहुंचे। पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी के साथ बैठक कब होगी, यह सवाल उपस्थित अधिकारियों से पूछा।

जब समाधानकारक जवाब नहीं मिला तो दिव्यांगों ने समाज कल्याण विभाग कार्यालय को ताला लगा दिया। ताला लगाने के बाद भीतर बंद कर्मचारी व अधिकारी बार-बार दरवाजा खोलने की गुहार लगाते रहे। लेकिन जब तक चर्चा नहीं होगी, तब तक दरवाजा नहीं खोलेंगे की जिद पर दिव्यांग अड़े रहे। जिला परिषद परिसर में घटना की जानकारी फैल गई, जिससे हड़कंप मच गया। अंतत: दूसरे विभागों के कुछ वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचे। उन्होंने समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को समझाया। इसके बाद दिव्यांगों का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने ताला खोला।

इन मांगों को लेकर फैला है असंतोष

सूत्रों के अनुसार दिव्यांगों की कुछ मांग है। यह मांगें सरकार द्वारा जारी अधिसूचनानुसार की जा रही है। उनकी प्रमुख मांगों में दिव्यांगों को व्यवसाय के लिए 200 वर्ग फीट जमीन जल्दी उपलब्ध कराने की मांग शामिल है।

इसके अलावा बंद हो चुके आपले सरकार सेवा केंद्र दिव्यांगों को चलाने देने, संजय गांधी निराधार योजना की अनियमितता दूर करने व इस योजना का ऑडिट करने, दिव्यांगों को अर्थसहायता देने के लिए आयु मर्यादा 45 की शर्त को हटाने, दिव्यांगों को ई-रिक्शा की कीमत के बराबर अर्थसहायता 2 लाख रुपए देने, जहां दिव्यांग रहता है, उस परिवार को ग्रामविकास विभाग की अधिसूचना अनुसार संपत्ति कर, पानी कर आदि में 50 फीसदी की छूट देने, गठई कामगारों की तरह दिव्यांगों को अस्थायी स्टॉल बना देने या दिव्यांगों द्वारा स्वखर्चे से बनाए गए स्टालों को मान्यता देने, सरकारी व निजी अस्पताल, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन्स, बस स्टॉप आदि के समीप दिव्यांग ई-रिक्शा चालकों के लिए पार्किंग स्टैंड होना चाहिए। इन मांगों को लेकर दिव्यांगजन जिलाधिकारी से बैठक करना चाहते हैं।

Created On :   9 Jan 2024 1:48 PM GMT

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