नाराजगी: कोर्ट के आदेश बावजूद नहीं बना कत्लखाना, प्रधान सचिव पर अवमानना की कार्रवाई की गाज

कोर्ट के आदेश बावजूद नहीं बना कत्लखाना, प्रधान सचिव पर अवमानना की कार्रवाई की गाज
  • संतोषजनक जानकारी प्रस्तुत करने में विफल
  • एनएमआरडीए आयुक्त को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा
  • कोर्ट ने जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट नागपुर खंडपीठ के आदेश के बाद भी कत्लखाने का निर्माण नहीं हुआ है। इस मामले में हुई सुनवाई में संतोषजनक जानकारी प्रस्तुत करने में विफल रहने को लेकर कोर्ट ने एनएमआरडीए महानगर आयुक्त को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर जानकारी से संतुष्ट नहीं हुए, तो नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के विरोध में समन जारी कर अवमानना ​​की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

जमकर लगाई फटकार : 3 मार्च 2016 को हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया जमैतुल कुरेशी एसोसिएशन की जनहित याचिका का निपटारा करते हुए कामठी में तत्काल कत्लखाना बनाने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार द्वारा आदेश पर कोई अमल नहीं किया गया, इसलिए संगठन ने 2018 में अवमानना याचिका दायर की। फिर भी सरकार ने कत्लखाना बनाने पर कोई कार्रवाई नहीं की, साथ ही यह भी नहीं बताया की कत्लखाना निर्माण में देरी क्यों हो रही है। आदेश के अमल पर हो रहे विलंब को लेकर पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जमकर फटकार लगाई थी। आदेश के अमल पर हो रहे विलंब को लेकर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव असीम कुमार गुप्ता और डॉ. के. एच. गोविंद राज को हाईकोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना पड़ा था। उस वक्त कोर्ट ने राज्य सरकार और एनएमआरडीए को कत्लखाने के निर्माण के संबंध में रिकॉर्ड पर ठोस जानकारी पेश करने का निर्देश दिया था।

अगली सुनवाई 14 फरवरी : मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रधान सचिव ने शपथपत्र दायर कर जगह की जानकारी दी और साथ ही यह भी उल्लेख किया कि स्थानीय निवासी और ग्राम पंचायत इस कत्लखाने के निर्माण के खिलाफ हैं। इसके समाधान के तौर पर एनएमआरडीए ने मौखिक रूप में जगह देने का सुझाव दिया। हालांकि लिखित व ठोस जानकारी नहीं दे पाने पर कोर्ट ने एनएमआरडीए महानगर आयुक्त को कोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. सय्यद अतिब, एनएमआरडीए की ओर से एड. गिरीश कुंटे और राज्य सरकार की ओर से एड. निवेदिता मेहता ने पैरवी की। मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 14 फरवरी को रखी है।


Created On :   10 Feb 2024 3:14 PM IST

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