ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते: चार माह में 43 बच्चों को बचाया - यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी

चार माह में 43 बच्चों को बचाया - यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
  • यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी
  • माता-पिता से दोबारा मिलने वाले लड़के और लड़कियां शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही यह "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' के तहत बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। आरपीएफ नागपुर मंडल ने "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' के तहत जनवरी से अप्रैल माह तक मध्य रेलवे के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों के साथ समन्वय में 43 बच्चों को बचाया है।

इसमें चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता से दोबारा मिलने वाले लड़के और लड़कियां शामिल हैं। जो बच्चे किसी झगड़े या कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर की चकाचौंध आदि की तलाश में अपने परिवार को बताए बिना रेलवे स्टेशनों पर आते हैं, उन्हें प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढा जाता है।

ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें अपने माता-पिता से दोबारा मिलने के लिए सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।


Created On :   26 May 2024 11:36 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story