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नागपुर: लोगों की जान जाेखिम में है और आप अध्ययन करने की बात कर रहे हो, सरकार को फटकार
- विवेकानंद स्मारक को लेकर हाई कोर्ट ने सरकार को फटकारा
- लोगों की जान जाेखिम में है
- आप अध्ययन करने की बात कर रहे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर है। कोर्ट ने अंबाझरी स्थित स्वामी विवेकानंद स्मारक को उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को निर्णय लेने के आदेश दिए थे, लेकिन नागपुर विभागीय आयुक्त से लेकर राज्य के नगर रचना विभाग के प्रधान सचिव तक ने विवेकानंद स्मारक और नाग नदी का हाइड्रोलिक अध्ययन करने के लिए 7 माह का समय मांगा है। इसे लेकर कोर्ट ने असंतोष जताया। साथ ही कोर्ट ने सरकार की भूमिका पर तंज कसते हुए मौखिक तौर पर कहा कि, लोगों की जान जाेखिम में है और आप अध्ययन करने की बात कर रहे हो। इसके अलावा कोर्ट ने विवेकानंद स्मारक स्थापित करने से पहले और बाद की स्थिति का ब्योरा देने का आदेश मनपा और नासुप्र को दिया है।
यह है मामला : मनपा, नासुप्र और महामेट्रो ने अंबाझरी व नाग नदी परिसर में किया निर्माण गलत है, जिससे पिछले वर्ष सितंबर माह में इस परिसर में आयी बाढ़ से हजारों लोगो को नुकसान सहना पड़ा, इसलिए मामले की न्यायालयीन जांच की मांग करते हुए पीड़ित रामगोपाल बचुका, जयश्री बनसोड़, नत्थुजी टिक्कस ने नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अंबाझरी तालाब और नाग नदी परिसर के अवैध निर्माण पर सवाल उठाया गया है। इस मामले में राज्य के नगर रचना विभाग के प्रधान सचिव डॉ. के. एच. गोविंदराज ने भी कोर्ट में शपथपत्र दायर करते हुए कहा कि, पुणे स्थित सेंट्रल वॉटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन (सीडब्ल्यूपीआरएस) को विवेकानंद स्मारक और नाग नदी का हाइड्रोलिक का अध्ययन एवं रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुल 7 माह का समय लगने वाला है। सीडब्ल्यूपीआरएस की अध्ययन रिपोर्ट में स्मारक को स्थानांतरित करने की सिफारिश की जाती है, तो स्मारक को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया जाएगा। अगर यह स्मारक बाढ़ में अवरोध नहीं बन रहा, तो सरकार विवेकानंद स्मारक को नियमित करने का विचार कर सकती है।
अगली सुनवाई 22 को : इस मामले में गुरुवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने राज्य के नगर रचना विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दायर शपथपत्र की जानकारी देते हुए विवेकानंद स्मारक और नाग नदी का हाइड्रोलिक का अध्ययन एवं रिपोर्ट तैयार करने के लिए 7 माह की अवधि देने का कोर्ट से अनुरोध किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि, अंबाझरी तालाब के पास निर्मित स्वामी विवेकानंद स्मारक प्रवाह में बाधा डाल रहा है, यह खुद सिंचाई विभाग ने स्पष्ट किया है। बावजूद सरकार अपनी ही नीति के खिलाफ जाकर अध्ययन करना चाहती है, यह हमारी समझ से परे है। कोर्ट ने महाधिवक्ता सराफ ने दी जानकारी रिकॉर्ड पर तो ले ली, पर अध्ययन की मांग पर असंतोष जताते हुए उक्त आदेश जारी किए। कोर्ट के आदेश के अनुसार मनपा और नासुप्र को विवेकानंद स्मारक स्थापित करने के पहले और बाद में अंबाझरी बांध व प्रवाह की स्थिति के बारे में 19 जुलाई तक जानकारी देनी है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को रखी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।
10 वर्ष में बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दें : अंबाझरी बांध परिसर क्षेत्र में पिछले 10 वर्ष में बाढ़ के कारण कितने लोगों की मृत्यु हुई, कितने लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ, यह जानकारी 19 जुलाई तक देने का आदेश कोर्ट ने जिलाधिकारी को दिया है।
वीएनआईटी मार्ग के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करें
अंबाझरी बांध के विकास कार्यों के कारण बाधित यातायात के लिए वीएनआईटी मार्ग का अस्थायी रूप से उपयोग किया जा सकता है या नहीं, इस संदर्भ में कोर्ट ने पिछली सुनवाई में विभागीय और पुलिस आयुक्त की संयुक्त बैठक लेकर इसमें वैकल्पिक मार्ग की सुविधा पर जल्द फैसला लेने को कहा था। हालांकि, वीएनआईटी ने आज जवाब दाखिल कर वैकप्लिक मार्ग उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। इस परिसर के 1400 छात्र और कई अन्य प्रतिदिन यहां से आना-जाना करते हैं, ऐसे में यदि इस मार्ग को यातायात के लिए उपलब्ध कराया गया, तो उन्हें नुकसान हो सकता है। साथ ही बताया कि, अगर इलाके में असामाजिक तत्व बढ़ गए तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए प्रशासन के प्रयास में कमी हो दखेते हुए फटकार लगाई। साथ ही वीएनआईटी का वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने के लिए अधिकार के साथ-साथ अपने शक्ति का उपयोग करने के विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त को अादेश दिए।
Created On :   12 July 2024 5:52 PM IST