पॉलिटिकल कंट्रोवर्सी: ईवीएम के विरोध के लिए निकाली तरकीब , पूर्व विधायक सुनील केदार सहित अनेक संगठन आए समर्थन में

ईवीएम के विरोध के लिए निकाली तरकीब , पूर्व विधायक सुनील केदार सहित अनेक संगठन आए समर्थन में
  • 384 उम्मीदवार से ज्यादा होने पर लेना होगा बैलेट पेपर से चुनाव
  • नागपुर और रामटेक सीट पर 400-400 उम्मीदवार उतारे जाएंगे
  • दिल्ली के जंतर-मंतर पर विराट मोर्चा निकाला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ईवीएम से चुनाव का विरोध लगातार बढ़ते जा रहा है। अनेक राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन ईवीएम के विरोध में आवाज बुलंद कर रहे है। ईवीएम से चुनाव रद्द कर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की जा रही है। इसे लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विराट मोर्चा निकाला गया। लेकिन चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम की शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लेने पर अब इसके लिए नई तरकीब ढूंढ निकाली गई। इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम का विरोध दर्ज कराने के लिए हर लोकसभा क्षेत्र में 400-400 उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है। 384 उम्मीदवार से ज्यादा उम्मीदवार एक निर्वाचन क्षेत्र में होने पर चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना बंधनकारक है।

मंगलवार को नागपुर में पूर्व विधायक सुनील केदार और इंडिया अगेंस्ट ईवीएम की राष्ट्रीय समन्वयिका एड. स्मिता कांबले ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में नागपुर और रामटेक सीट पर 400-400 उम्मीदवार उतारे जाएंगे। इसके लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार करना शुरू है। जो भी उम्मीदवार चुनाव खड़ा होगा, वह अपनी-अपनी जमानत राशि भरेगा। इस मुहिम को जनता का भारी प्रतिसाद मिल रहा है। पत्र-परिषद में इंडिया अगेंस्ट ईवीएम के निमंत्रक प्रितम प्रियदर्शी, विश्वास पाटील, अमन कांबले, एड. आकाश मून आदि उपस्थित थे।

ऐसा है हिसाब : पत्र-परिषद में बताया कि प्रत्येक ईवीएम मशीन को 1 कंट्रोल यूनिट होता है। इस बार चुनाव आयोग एम-3 ईवीएम मशीन लाया है। यह मशीन भी हैक हो सकती है। इस मशीन में ज्यादा से ज्यादा 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते हैं। एक बैलेट यूनिट पर 16 उम्मीदवार का नाम होता है। इस अनुसार 24 बैलेट यूनिट पर 384 उम्मीदवार आ सकते हैं। उम्मीदवारों की संख्या 384 या उससे ज्यादा होने पर चुनाव आयोग को बैलेट पेपर पर चुनाव लेना होगा। यही हमारा प्रयास है। नागपुर-रामटेक सहित पूर्ण महाराष्ट्र और देश की सभी जगहों पर 400 से ज्यादा नॉमिनेशन फार्म भरने के लिए इंडिया अगेंस्ट ईवीएम के कार्यकर्ता प्रयास कर रहे हैं।

आयोग की मिलीभगत : पत्र-परिषद में एड. आकाश मून ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार का दबाव है। सारे राजनीतिक दल ईवीएम के विरोध में है। सिर्फ भाजपा ईवीएम के पक्ष में है। फिर भी चुनाव आयोग ईवीएम पर अड़ा हुआ है। किसी तरह की सुनवाई नहीं कर रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के अपने एक निर्णय में ईवीएम को लेकर संदेह जताया। आयोग ईवीएम से छेड़छाड़ साबित करने का आह्वान तो कर रहा है, लेकिन ईवीएम को छूने भी नहीं दे रहा है। दुनिया के सभी देश मान चुकी है कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है, इसलिए किसी देश में ईवीएम से चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। ऐसे में भारत में चुनाव आयोग और केंद्र सरकार में मिलीभगत का संदेह जताया जा रहा है।

22 को लाइव डेमो : प्रितम प्रियदर्शी ने बताया कि आगामी रविवार को नागपुर में ईवीएम मशीन कैसे छेड़छाड़ की जाती है, इसका लाइव डेमो का बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान जनता से उपस्थित रहने का आह्वान कर कहा कि जनता को इस दौरान मॉक वोटिंग का मौका दिया जाएगा।

Created On :   20 March 2024 11:40 AM IST

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