नागपुर: आंगनवाड़ी घोटाले में अब प्रमुखों पर कसा शिकंजा, तत्कालीन विभाग प्रमुख की जांच का प्रस्ताव तैयार

आंगनवाड़ी घोटाले में अब प्रमुखों पर कसा शिकंजा, तत्कालीन विभाग प्रमुख की जांच का प्रस्ताव तैयार
  • सामग्री पहुंचने से पहले भुगतान
  • आखिरकार घोटाले पर लगी मुहर

डिजिटल डेस्क, नागपुर. आंगनवाड़ी श्रेणीवर्धन घोटाले में 11 एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों के खिलाफ फौजदारी गुनाह दर्ज करने के बाद जिप के महिला व बाल विकास विभाग प्रमुख पर शिकंजा कसता जा रहा है। तत्कालीन और वर्तमान विभाग प्रमुखों की विभागीय जांच का प्रस्ताव विभागीय आयुक्त के माध्यम से सरकार को भेजा जाने वाला है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि जिप सीईओ सौम्या शर्मा ने प्रस्ताव तैयार किया है।

सामग्री पहुंचने से पहले भुगतान

जिले की 49 आंगनवाड़ियों का श्रेणीवर्धन करने केंद्र सरकार से 1 करोड़, 6 लाख रुपए प्राप्त हुए। महिला व बाल कल्याण विभागीय आयुक्त के माध्यम से निधि जिप के महिला व बाल कल्याण अधिकारी के खाते में जमा किया गया। महिला व बाल कल्याण अधिकारी ने संबंधित एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों के खाते में भेज दिया। बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों ने कोटेशन बुलाकर सप्लायर निश्चित किए। 13 बाल विकास प्रकल्पों में 3 सप्लायरों के साथ सामग्री आपूर्ति का करार हुआ। सामग्री आंगनवाड़ियों में पहुंचने से पहले ही सप्लायरों को भुगतान कर दिया।

इन सामग्री में निधि डकारे जाने के आरोप

आंगनवाड़ियों के दरवाजे, खिड़कियों की मरम्मत, सामान्य निर्माणकार्य, सौर प्रकल्प, सुरक्षा दीवार, पीने के पानी की सुविधा, बेबी फ्रेंडली शौचालय आदि काम प्राथमिकता के तौर पर करना अपेक्षित था। बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों ने सप्लायरों की सुविधा से सामग्री खरीदी कर सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। आंगनवाड़ियों में सामग्री पहुंचने से पहले भुगतान कर आंगनवाड़ी श्रेणीवर्धन निधि डकारे जाने का आरोप उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने स्थायी समिति में लगाया। सीईओ ने जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित कर दी।

आखिरकार घोटाले पर लगी मुहर

समिति की रिपोर्ट में बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों पर घोटाला करने की मुहर लगाई गई। इसमें सप्लायरों को भी दोषी ठहराया गया। आंगनवाड़ियों में पहुंचाई गई सामग्री का मूल्यांकन कर सप्लायरों को भुगतान की गई अतिरिक्त रकम 85 लाख रुपए वसूली के लिए जिम्मेदार ठहराया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर 11 बाल विकास प्रकल्प अधिकारी तथा सप्लायरों के खिलाफ संबंधित तहसील के पुलिस थाने में फौजदारी गुनाह दर्ज किए गए। उसके बाद विभाग प्रमुखों की जिम्मेदारी तय कर तत्कालीन तथा वर्तमान जिप महिला व बाल कल्याण अधिकारी की विभागीय जांच का प्रस्ताव विभागीय आयुक्त के माध्यम से भेजने की तैयारी पूरी होने की जानकारी है।


Created On :   9 Jun 2024 5:51 PM IST

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