विकास: नागपुर की दीक्षाभूमि का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य दो साल में होगा पूरा

नागपुर की दीक्षाभूमि का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य  दो साल में होगा पूरा
  • हाई कोर्ट में एनएमआरडीए का शपथपत्र
  • सुपरवाइजिंग समिति भी गठित
  • एड. शैलेश नारनवरे ने जनहित याचिका दायर की

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शेगांव मंदिर की तर्ज पर विकास योजना तैयार करते हुए दीक्षाभूमि को धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य सुविधाओं और पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) ने कोर्ट में शपथपत्र दायर कर दो साल में दीक्षाभूमि का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य पूरा करने की बात कही है। एड. शैलेश नारनवरे ने यह जनहित याचिका दायर की है।

शेगांव मंदिर की तर्ज पर विकास करने की है याचिका : याचिका के अनुसार, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। दीक्षाभूमि का नाम पूरे विश्व में है। प्रतिवर्ष धम्मचक्र प्रवर्तन दिन पर देश-विदेश से लाखों अनुयायी दीक्षाभूमि पर आते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में उन्हें काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। दीक्षाभूमि को "ए' पर्यटन का दर्जा प्राप्त है। अत: शेगांव मंदिर की तर्ज पर दीक्षाभूमि का भी विकास करने की मांग याचिकाकर्ता ने की है। इससे पूर्व हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने शपथपत्र दायर कर कहा था कि, दीक्षाभूमि विकास के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंजूरी दी है। गुड़गांव, हरियाणा की वाईएफसी-बीबीजी कंपनी को काम दिया गया है। साथ ही विकास कामों के लिए 130 करोड़ रुपए का कार्यादेश भी जारी किया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दीक्षाभूमि का विकास कार्य कब तक पूरा होगा, इस बारे में एनएमआरडीए को जवाब मांगा था।

31 जनवरी को अगली सुनवाई : मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई में एनएमआरडीए ने शपथपत्र दायर करते हुए कोर्ट को बताया कि, दीक्षाभूमि के विकास कार्यो के लिए 20 अक्टूबर 2023 को 130 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया है। कार्यादेश जारी करने के दिन से आने वाले 2 साल में दीक्षाभूमि का विकास कार्य पूरा किया जाएगा। यह काम पूरा करने के लिए सुपरवाइजिंग समिति गठित की गई है। कोर्ट ने इस मामले में अब 31 जनवरी को अगली सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ता एड. शैलेश नारनवरे ने खुद और एनएमआरडीए की आेर से एड. गिरीश कुंटे ने पैरवी की।

Created On :   18 Jan 2024 8:39 AM GMT

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