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राहत: नक्सल लिप्तता मामले में प्रो. साईबाबा समेत पांच आरोपी हुए निर्दोष बरी
- गड़चिरोली सत्र न्यायालय ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
- नक्सली गतिविधियों में लिप्तता का लगा था आरोप
- लंबी कोट-कटहरी के बाद मिली राहत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नक्सल समर्थक प्रा. जी. एन. साईबाबा समेत पांच आरोपियों को बाॅम्बे हाई कोर्ट का नागपुर खंडपीठ ने निर्दोष बरी किया है। नक्सली समर्थक होने को लेकर प्रा. साईबाबा को गड़चिरोली सत्र न्यायालय ने 7 मार्च 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। साईबाबा के साथ ही 5 अन्य आरोपियों महेश तिरकी, पांडू नरोटे, हेम मिश्रा, प्रशांत राही और विजय तिरकी को सजा सुनाई थी । मामले में हाईकोर्ट ने प्रा. साईंबाबा सहित पांचों को बरी कर दिया है।
ज्ञात हो कि 2014 में नक्सलियों से संबंध मामले में साईंबाबा की गिरफ्तारी हुई थी। काफी समय तक नागपुर सेंट्रल जेल में वे बंद रहे। व्हील चेयर के सहारे चलने वाले साई बाबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे। साईंबाबा पर माओवादी लिंक और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था। 14 अक्टूबर 2022 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जीएन साईंबाबा को बरी कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश भी दिया था।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि वह साईंबाबा की अपील और अन्य आरोपियों की अपील उसी पीठ के समक्ष न रखे जिसने उन्हें आरोपमुक्त किया था और मामले की सुनवाई किसी अन्य पीठ द्वारा की जाए। आरोप गंभीर होने के कारण बार-बार कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़े। शीर्ष अदालत ने तो 15 अक्टूबर, 2022 को इस मामले में साईंबाबा और अन्य को बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। महाराष्ट्र सरकार की ओर से अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह पेश हुए और साईंबाबा का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने किया था। लगभग डेढ़ वर्ष पश्चात फैसला सामने आया है।
Created On :   5 March 2024 7:42 AM GMT