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Nagpur News: फ्रीज है बैंक खाता, साइबर थाने का लेटर लाओ, तब होगा शुरू

- बैंक मैनेजर का पीड़ित महिला को जवाब
- अपराधी लोगों के बैंक खाते हैक कर बड़ी रकम का कर रहे हैं आदान-प्रदान
Nagpur News साइबर अपराधी अब लोगों के बैंक खाते हैक कर उसमें बड़ी रकम का आदान-प्रदान कर रहे हैं, जिससे साइबर पुलिस ऐसे बैंक खाता धारकों के खाते ‘फ्रीज’ कर रही है। ऐसे ही कुछ ताजा मामले सामने आए हैं।
पता नहीं क्यों बंद हो गया खाता : मनीष नगर की बिंदिया (परिवर्तित नाम) पिछले सप्ताह गांव गई थीं। तीन-चार दिन बाद लौटी। बैंक खाते से जब रकम निकालने गई, तो पैसे नहीं निकले। पूछने पर प्रबंधक ने बताया-आपका खाता फ्रीज कराया गया है। साइबर पुलिस थाने से लेटर (पत्र) लेकर आओ, तब खाता चालू करेंगे। बिंदिया साइबर थाने के 3 दिन से चक्कर काट रही है। कभी साहब तो कभी क्लर्क गायब। साइबर पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
1500 नहीं दिया, भेजी आपत्तिजनक तस्वीरें : नंदनवन क्षेत्र की एक युवती को कर्ज संबंधी एक मैसेज आया। लिंक को क्लिक करने पर 1500 रुपए देने की बात की गई। कहा गया कि तुमने कर्ज लिया था। उसके एनओसी के लिए 1500 रुपए भरना है। पैसे नहीं देने पर साइबर अपराधी उसकी तस्वीर को आपत्तिजनक बनाकर उसके परिचितों को भेजने लगा। परेशान होकर वह साइबर थाने पहुंची। साइबर थाने में एक ही कम्प्यूटर होने और इंस्पेक्टर साहब के नहीं रहने के कारण दूसरे दिन बुलाया गया। वह परेशान है। पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
पैसे बढ़े नहीं, खाते में जमा भी गायब हो गए : जरीपटका क्षेत्र के दीपक को एक मैसेज आया। मैसेज पैसे दोगुने करने संबंधी थे। लिंक पर उन्होंने क्लिक कर कुछ जानकारी दी। इसके बाद पैसे बढ़े नहीं, उल्टा बैंक खाते में जमा पूंजी भी गायब हो गई। अब साइबर पुलिस थाने से मदद की गुहार लगा रहा है।
बड़ी परेशानी यह : साइबर अपराधी देश के किसी भी कोने में बैठकर लोगों काे ठगी का शिकार बना रहे हैं। उनकी धर-पकड़ के मामले में साइबर पुलिस पंगु साबित हो रही है। दूसरी तरफ, साइबर ठगी के शिकार लोग भी थाने में जाने के बाद सही जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। यह बात भी पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाती है।
हर रोज 150 शिकायतें : नागपुर के साइबर पुलिस थाने में आर्थिक अपराध से जुड़ी हर रोज 150 से अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं। साइबर पुलिस का कहना है कि उसे एक जानकारी हासिल करने के लिए अमेरिका के सर्वर रूम को ईमेल भेजना पड़ता है। कई बार कोई जबाब नहीं मिलने पर दो तीन बार यह सिलसिला चलता रहता है। चौंकानेवाली बात यह है कि लोगों की तस्वीरें या अन्य जानकारियां साइबर अपराधियों के पास कहां से पहुंचाई जा रही हैं।
Created On :   10 April 2025 11:47 AM IST