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Nagpur News: पांव पसार रहा मुख का कैंसर, तेजी से बढ़ रहे हैं आंकड़े
- नशाखोरी का कारोबार करने वालों के खिलाफ अभियान
- हर पानठेले पर बिकता है प्रतिबंधित तंबाकू वाला खर्रा
- राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने किया खुलासा
Nagpur News शहर पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल ने नशाखोरी का कारोबार करने वालों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। गुरुवार को 6 लोगोें के खिलाफ कार्रवाई की गई। इंडियन काउंसिल ऑॅफ मेडिकल रिसर्च ने बताया था कि भारत में हर साल 10 लाख से अधिक लोग तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थों के सेवन से मरते हैं। इनमें 1 लाख लोग महाराष्ट्र के होते हैं। नागपुर में 1 लाख की आबादी पर 91 पुरुष व 90 महिलाएं कैंसर पीड़ित हैं। इनमें मुख कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कुछ दिन पहले मुंह के कैंसर का प्रमाण सर्वाधिक होने का खुलासा राष्ट्रसंत तुकड़जी महाराज कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने किया था।
खुलेआम बिक्री : सरकार ने 2012 से सुगंधित तंबाकू, तंबाकूजन्य सामग्री, खर्रा आदि पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन यह सामग्री आज भी हर गली-चौराहों पर खुलेआम बिक रही है। कैंसर रोगियों में 35 फीसदी मरीज मुंह के कैंसर से ग्रस्त होते हैं। शहर के 3 बड़े अस्पतालों की संख्या बता रही है कि इस मर्ज रोक पाना आसान नहीं है। दूसरे प्रदेशों से चोरी-छिपे सुगंधित तंबाकू, गुटखा आयात होता है। बड़े व्यवसायी से छोटे-छोटे पानठेले और टपरियों तक पहुंच रहा है। लोगों की मांग है कि कैंसर से बचना और बचाने के लिए प्रशासन द्वारा नियमित कार्रवाई होनी चाहिए।
इतवारी में बड़ी मंडी : शहर की सबसे बड़ी होलसेल मंडी इतवारी में तंबाकू बेचने वाले अनेक प्रतिष्ठान हैं। वे गुप्त गोदामों से इसकी बिक्री करते हैं। यह सामग्री मध्यप्रदेश के शहरों से लाई जाती है। टोल नाके और चेक पोस्ट पर मिलीभगत से बेखौफ कारोबार चल रहा है। नागपुर में किसी भी पानठेले पर प्रतिबंधित सुगंधित तंबाकू का खर्रा आसानी से मिल जाता है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों के आसपास, सरकारी अस्पतालों के आसपास, कॉलेजों के आसपास, रेलवे स्टेशन से सटे परिसर, बस स्टैंड परिसर में तंबाकू से बनी सामग्रियों की दुकानें हैं।
निरंतर कार्रवाई हो : कैंसर के लिए सबसे बड़ा कारण तंबाकू, तंबाकूजन्य सामग्री का सेवन, खर्रा, सिगारेट, बीड़ी है। इनकी बिक्री पर रोक लगाना और बेचने वालों के खिलाफ बार-बार कड़ी कार्रवाई करना जरूरी है। अस्पतालों समेत, शिक्षा संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों के आसपास में यह सामग्री खुलेआम बिक रही है। कैंसर के नियंत्रण के लिए इन पर प्रतिबंध जरूरी है। पुलिस विभाग के साथ अन्य संबंधित विभागों ने मिलकर नियमित कार्रवाई करनी चाहिए। - डॉ. बी. के. शर्मा, कैंसर रोग विशेषज्ञ, पूर्व निदेशक व मुख्य सलाहकार- रातुम कैंसर हॉस्पिटल व रिसर्च सेंटर नागपुर
3 बड़े अस्पतालों में आने वाले मामले : नागपुर में कैंसर रोग उपचार के 3 बड़े अस्पतालों के आंकड़े भयावह हैं। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में सालाना मुंह के कैंसर के 4800 संदिग्ध मरीज आते हैं। इनमें से 40 फीसदी यानि 1920 मरीजों को मुंह का कैंसर होता है। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर हॉस्पिटल में सालभर में विविध कैंसर के 5500 मरीज आते हैं। इनमें से 35 फीसदी यानि 1925 मरीज मुंह के कैंसर के होते हैं। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के कैंसर रोग विभाग में सालाना कैंसर के 2300 मरीज आते हैं। इनमें से 30 फीसदी मरीज मुंह के कैंसर के होते हैं। तीनों अस्पतालों में सालाना कुल 4535 मरीज मुंह के कैंसर के होते हैं। इस बीमारी के लिए गुटका, सुगंधित तंबाकू, खर्रा आदि का व्यसन जिम्मेदार है। सूत्रों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले यह संख्या औसतन 5 फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों के मरीजों की संख्या अलग है।
Created On :   9 Nov 2024 8:35 AM GMT