Nagpur News: ध्वनि प्रदूषण बढ़ा रहा सिरदर्द, डीजे की तेज आवाज से जीना मुहाल

ध्वनि प्रदूषण बढ़ा रहा सिरदर्द,  डीजे की तेज आवाज से जीना मुहाल
  • परेशान नागरिकों ने जनहित याचिका दायर की
  • राज्य सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी
  • ध्वनि प्रदूषण संबंधित अधिनियमों को सख्ती से पालन करने के निर्देश देने की मांग

Nagpur News शहर के आवासीय क्षेत्रों में विवाह हॉल, लॉन तथा सार्वजनिक जगह पर होने वाले कार्यक्रमों में तेज आवाज में बजने वाले डीजे, लाउडस्पीकर से परेशान नागरिकों ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में ध्वनि प्रदूषण संबंधित अधिनियमों को सख्ती से पालन करने के निर्देश देने की मांग की है। इस मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य परिवहन आयुक्त, पुलिस आयुक्त तथा मनपा आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए 2 सप्ताह में जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं।

बेखौफ इस्तेमाल पर लगे रोक : त्रिमूर्ति नगर रेसिडेंट एक्शन विंग फाउंडेशन के अध्यक्ष सुभाष डाबरे ने नागपुर खंडपीठ ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार, शहर में डीजे, बैंड, साउंड सिस्टम, लाउडस्पीकर, वाहन, पटाखे, ढोल और अन्य ध्वनि स्रोतों का बेधड़क उपयोग किया जा रहा है। तेज आवाज संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार "जीवन के अधिकार' का उल्लंघन करती है, जिसमें शांतिपूर्ण और स्वस्थ वातावरण में रहने का अधिकार शामिल है। डीजे सिस्टम, साउंड सिस्टम, बैंड, ऑर्केस्ट्रा आदि पर कुछ लोगों की आजीविका निर्भर है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 19(जी) के अंतर्गत "रोजगार का अधिकार' हमेशा पर्यावरण कानूनों और उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों के अधीन है।

मनपा में नहीं हुई सुनवाई : तेज आवाज में बजने वाले डीजे, लाउडस्पीकर से हो रही परेशानियों और असुविधाओं के बारे में स्थानीय नागरिकों द्वारा 12 जून 2023 को मनपा को शिकायत की गई थी और 5 अक्टूबर 2023 को फिर से प्रतापनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन, कोई भी ठोस कदम न उठाए जाने के कारण याचिकाकर्ता ने अब नागपुर खंडपीठ में गुहार लगाई है।

अदालत से यह मांग : याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा जनहित याचिका डॉ. महेश विजय बेडेकर बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत दिए गए निर्देशों को सख्ती से पालन करने, विवाह हॉल, लॉन और सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न आयोजनों में अनुमति के बिना लाउडस्पीकर, डीजे, संगीत प्रणाली, बैंड, आर्केस्ट्रा, पटाखे फोड़ने के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और पुलिस अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और आईपीसी, सीआरपीसी 1973, बीएनएस आदि के अनुसार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और बिना अनुमति डीजे सिस्टम वाले वाहनों के उपयोग पर रोक लगाने पर निर्देश देने की कोर्ट से मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।


Created On :   27 March 2025 11:30 AM IST

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