Nagpur News: बजट अधिवेशन - विदर्भ के मुद्दों पर आक्रामक रहेगी कांग्रेस, जिला स्तर पर सरकार के विरोध में प्रदर्शन

बजट अधिवेशन - विदर्भ के मुद्दों पर आक्रामक रहेगी कांग्रेस, जिला स्तर पर सरकार के विरोध में प्रदर्शन
  • विदर्भ के मुद्दों पर आक्रामक रहेगी कांग्रेस
  • जिला स्तर पर सरकार के विरोध में प्रदर्शन

Nagpur News. विधानमंडल का बजट अधिवेशन सोमवार 3 मार्च से मुंबई में आरंभ होगा। संख्याबल के आधार पर विपक्ष यानी महाविकास आघाडी कमजोर है। फिर भी आघाडी ने सरकार को विविध मुद्दों पर घेरने की तैयारी व्यक्त की है। संकेत मिले हैं कि इस बार कांग्रेस अपने बल पर विपक्ष की भूमिका में आक्रामक नजर आ सकती है। कांग्रेस ने सरकार को सड़क व सदन में घेरने के लिए योजना बनायी है। उनमें विदर्भ के मुद्दे प्रमुखता से शामिल है। अधिवेशन के पहले दिन जिला स्तर पर होनेवाले सरकार विरोधी प्रदर्शनों में किसान व कृषि संकट के मुद्दे प्रमुखता से चर्चा में लाए जाएंगे।

विदर्भ का महत्व

उल्लेखनीय है कि विदर्भ को कांग्रेस अपने अनुकूल मानती है। कांग्रेस ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारी का आगाज विदर्भ से ही किया था। लोकसभा में उसके कुछ हद तक सफलता भी मिली। लेकिन विधानसभा चुनाव में वह पराजित हो गई। फिर में राज्य की राजनीति में कांग्रेस विदर्भ को ही अधिक महत्वपूर्ण मानती है। कांग्रेस ने नाना पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनके स्थान पर विदर्भ से ही हर्षवर्धन सपकाल को नियुक्त किया है। इस बार विधानमंडल के दोनों सदन में कामकाज के दौरान कांग्रेस में विदर्भ के प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। विधानसभा में कांग्रेस के 16 सदस्यों में विजय वडेट्टीवार अनुभवी नेता है। वे कांग्रेस के पार्टी नेता भी है। नेता प्रतिपक्ष तय नहीं होने तक वडेट्टीवार ही प्रमुख विपक्षी नेता की भूमिका में नजर आएंगे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले भी कांग्रेस की पारी संभालेंगे। उनके साथ नितीन राऊत प्रमुख तौर से रहेंगे। विधानपरिषद में मुख्य प्रतोद अभिजीत वंजारी कांग्रेस सदस्यों के लिए दिशादर्शक रहेंगे।

इन मुद्दों की रहेगी चर्चा

विदर्भ में किसान आत्महत्या, कृषि संकट, असमय बरसात से नुकसान का मुद्दा विपक्ष का सरकार विरोधी प्रमुख शस्त्र बनेगा। कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने दो वर्ष की सजा सुनायी है। कोकाटे अभी मंत्री पद पर है। सावनेर से विधायक रहे सुनील केदार को इसी तरह के मामले में विधायक पद के लिए अपात्र ठहराया गया था। केदार को 6 साल तक चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है। ऐसे में कांग्रेस केदार के मामले को प्रमुखता से विधानमंडल के दोनों सदन में उठाएगी। प्रशांत कोरटकर प्रकरण पर चर्चा होगी तो विदर्भ में कोरटकर के राजनीतिक व वैचारिक संबंधियों की भी चर्चा होगी। कोरटकर के माध्यम से विदर्भ के कुछ नेताओं को परेशान किये जाने का मामला चर्चा में लाया जाएगा। शराबबंदी के मुद्दे पर गडचिरोली व वर्धा जिले में शराबबंदी के प्रभावों की मुद्दा प्रमुखता से चर्चा में लाया जाएगा। कांग्रेस का दावा है कि शराबबंदी के बाद भी इन दोनों जिलों में शराब बिक्री से संबंधित 7 हजार से अधिक प्रकरण दर्ज किए गए है। लाडली बहन योजना को लेकर न्यायालय में अनिल वडपल्लीवार की याचिका को महायुति ने चुनावी मुद्दा बनाया था। फिलहाल लाडली बहन योजना के तहत 1500 के स्थान पर 2100 रुपये प्रतिमाह देने के वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया है। फरवरी का सम्मान धन भी नहीं मिल पाया है। ऐसे में यह विषय भी चर्चा में लाया जाएगा। सामाजिक तनाव के विषयों के साथ अमरावती के तनाव का विषय भी चर्चा में होगा।

हर मोर्चे पर घेरेंगे

अभिजीत वंजारी, मुख्य प्रतोद, कांग्रेस विधानपरिषद के मुताबिक सरकार को हर मोर्चे पर घेरा जाएगा। लाभ की योजनाओं से राज्य में बढ़े कर्ज और आर्थिक भार के संबंध में सरकार से जवाब मांगा जाएगा। कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। सार्वजनिक स्थान पर दुराचार की घटनाएं सामने आ रही है। सत्तापक्ष के चुनावी प्रलोभन का सत्य सामने आ गया है। सत्तापक्ष में समन्वय नहीं है। नेता-मंत्री की नाराजगी के कारण राज्य में विकास कार्य लंबित रह रहा है।


Created On :   2 March 2025 10:19 PM IST

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