- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- नगर पंचायतों के नगराध्यक्षों का अब...
मंत्रिमंडल मंजूरी: नगर पंचायतों के नगराध्यक्षों का अब पांच साल का होगा कार्यकाल, सीमेंट की सड़कें बनाने संशोधित खर्च मंजूर
- छह हजार किमी सीमेंट की सड़कें बनाने संशोधित खर्च को मंजूरी
- पंचायतों के नगराध्यक्षों का अब पांच साल का होगा कार्यकाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई राज्य में नगर पंचायतों के नगराध्यक्षों का कार्यालय ढ़ाई साल के बजाय अब पांच साल का होगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई है। सरकार का यह फैसला पूर्व प्रभाव से लागू माना जाएगा। इसके लिए सरकार महाराष्ट्र नगरपरिषद, नगरपंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम 1965 में संशोधन करेगी। राज्य में नगर पंचायतों का चुनाव साल 2021-22 में हुआ था। जिसमें नगराध्यक्षों का कार्यकाल ढ़ाई साल था। अब नगराध्यक्षों की अवधि खत्म हो रही थी। इसके मद्देनजर सरकार ने नगराध्यक्षों का कार्यालय पांच साल का करने का फैसला लिया है। इससे जिन नगराध्यक्षों का कार्यकाल खत्म हुआ है। ऐसे नगराध्यक्षों को अब पांच साल तक पद पर बने रहने का मौका मिलेगा। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार के इस फैसले के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि नियमों के अनुसार फिलहाल चुनावों में मतदताओं द्वारा सीधे चुने गए नगराध्यक्षों का कार्यकाल पांच साल का है। जबकि नगर पंचायतों के सदस्यों के बीच से चुने गए नगराध्यक्षों का कार्यकाल ढ़ाई साल था। ढ़ाई साल की इस अवधि को बढ़ाकर सरकार ने अब पांच साल कर दिया है। इससे पहले प्रदेश की शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल ने 14 जुलाई 2022 को पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसले को पलटकर प्रदेश में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के नगराध्यक्षों का चुनाव जनता के बीच से कराने को मंजूरी दी थी।
छह हजार किमी सीमेंट की सड़कें बनाने संशोधित खर्च को मंजूरी
प्रदेश में संशोधित हाईब्रिड एन्यूटी योजना के जरिए राज्य में छह हजार किमी सड़कें डांबरीकरण के बजाय सीमेंट कंक्रीट का बनाने के लिए सुधारित 36 हजार 964 करोड़ रुपए के खर्च को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। डांबरीकरण के लिए पहले 28 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान था। लेकिन नई फैसले के मुताबिक संशोधित हाईब्रिड एन्यूटी योजना के तहत सरकार की भागीदारी की राशि 2 हजार 589 करोड़ रुपए बढ़ी है। जबकि महाराष्ट्र राज्य आधारभूत सुविधा विकास महामंडल को 5 हजार 875 करोड़ रुपए अतरिक्त खर्च करने पड़ेंगे। छह हजार किमी सड़कों को महाराष्ट्र राज्य आधारभूत सुविधा विकास महामंडल को 17.5 सालों के लिए हस्तांतरित किया जाएगा।
Created On :   13 Aug 2024 10:04 PM IST