Mumbai News: अपील दायर करने में देरी को प्रावधान में निर्धारित 120 दिनों से अधिक समय माफ नहीं किया जा सकता

अपील दायर करने में देरी को प्रावधान में निर्धारित 120 दिनों से अधिक समय माफ नहीं किया जा सकता
  • पीएमएलए की धारा 42 के तहत अपील दायर करने में देरी को हाई कोर्ट द्वारा प्रावधान
  • अदालत ने ईडी की याचिका को किया खारिज
  • अदालत से गोवा स्टेट को-ऑप बैंक को मिली राहत

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की धारा 42 के तहत अपील दायर करने में देरी को उच्च न्यायालय द्वारा प्रावधान में निर्धारित 120 दिनों से अधिक माफ नहीं किया जा सकता है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका खारिज कर दी। ईडी द्वारा पीएमएलए अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें उसने गोवा स्टेट को-ऑप बैंक लिमिटेड (प्रतिवादी) की अपील को स्वीकार किया था और एक अनंतिम कुर्की आदेश को रद्द कर दिया था।

न्यायमूर्ति बी. पी. कोलाबावाला और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरसन की पीठ ने कहा कि धारा 42 के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद हमारा स्पष्ट मत है कि जब उस धारा को समग्र रूप से पढ़ा जाता है, तो अनिवार्य निष्कर्ष यह है कि सीमा अधिनियम 1963 की धारा 5 को धारा 42 में निर्धारित 120 दिनों की कुल अवधि से अधिक विलंब को माफ करने के लिए लागू नहीं किया जा सकता है। ईडी को हाई कोर्ट में अपील दायर करने में देरी हुई थी, इसलिए उसने देरी के लिए माफी मांगी। याचिकाकर्ता ने 132 दिनों की देरी से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पीएमएलए की धारा 42 सीमा अधिनियम की धारा 5 की प्रयोग को रोकती नहीं है और इस प्रकार न्यायालय द्वारा देरी को माफ किया जा सकता है। पीठ ने ईडी की इस दलील को स्वीकार नहीं किया और टिप्पणी की कि यदि विधायिका धारा 5 सीमा अधिनियम को धारा 42 पीएमएलए के तहत दायर अपील पर लागू करने का इरादा रखती है, तो उसने धारा 42 में प्रावधान नहीं डाला होगा, जो यह प्रावधान करता है कि 60 दिनों की अतिरिक्त अवधि के लिए देरी को माफ नहीं किया जा सकता है।

Created On :   20 Jan 2025 10:42 PM IST

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