सदुपयोग: प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने की पहल, पॉलिथीन से साकार की इको ब्रिक्स

प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने की पहल, पॉलिथीन से साकार की इको ब्रिक्स
  • वेस्ट मटेरियल से घर की सजावट
  • चारों तरफ फैले कूड़े का हुआ सफाया
  • खराब शूज और सैंडल में लगाए पौधे

डिजिटल डेस्क, बेसा(नागपुर)। आपने देखा होगा कि प्लास्टिक इंसान और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए कितना नुकसानदेह है, फिर भी दुकानदार ग्राहकों को प्लास्टिक की पन्नियों में सामग्री देते हैं। लोग भी इन थैलियों की मांग दुकानदार से बड़े पैमाने पर करते हैं, लेकिन यही थैलियां जैवविविधता को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसा न हो, इसलिए प्लास्टिक की थैलियों को फेंकने के बजाय इसका उपयोग घर, दफ्तर, स्कूल आदि जगहों के कॉर्नर को सजाने के लिए किया जा सकता है। यह कल्पना कर सुरेंद्रगढ़ हिंदी माध्यमिक शाला के कक्षा 8वीं के बच्चों ने स्कूल की छुट्टियों में अपने घर तथा स्कूल परिसर में फेंकी गई रंगीन सिंगल य्ूज प्लास्टिक की पन्नियों से आकर्षक इको ब्रिक्स तैयार की है। इससे कूड़े का सफाया भी हुआ और इस वेस्ट मटेरियल से घर की भी सजावट भी की गई है, साथ ही खराब शूज और सैंडल में लगाए पौधे आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।

सजावट के काम आ रहीं ब्रिक्स : पारदर्शी बोतलों में पॉलिथीन को संग्रहित कर घर में बेकार पड़ी खाली बोतलों में ठूंस-ठूंस कर भरी गईं। पॉलिथीन विभिन्न रंगों की होने के कारण यह पारदर्शी बोतलें काफी आकर्षक दिख रही हैं। इन्हें घर, स्कूल और अन्य जगहों के कॉर्नर पर सजाने से उसकी सुंदरता को बढ़ावा मिल रहा है। इन बोतलों को देखकर हर कोई खुद इस प्रकार की इको ब्रिक्स तैयार करने को उत्सुक नजर आ रहा है।

छुट्टियों में तैयार की : ग्रीष्म की छुट्टियों में बच्चों ने इको ब्रिक्स तैयार की है। शाला की विज्ञान शिक्षिका दीप्ति बिष्ट, कल्पना मालवे, स्वाति जोशी, बरखा जायसवाल, प्रणाली बगले के मार्गदर्शन में बच्चों ने ब्रिक्स तैयार की। इसके पूर्व नागपुर मनपा की ओर से चिटणवीस सेंटर में इको ब्रिक्स बनाने का प्रशिक्षण बच्चों को दिए जाने की जानकारी दीप्ति बिष्ट ने दी। इसी के साथ बच्चों ने घर पर अपने परिजनों के खराब हुए शूज में मिट्टी डालकर उसमें रंगीन फूलों के पौधे लगाए और घर के आंगन तथा स्कूल में रखे हैं। इसे देखकर हर कोई अपने खराब पड़े शूज का इस्तेमाल पौधे लगाने के लिए कर रहा हैं।

70 बच्चों की कलाकारी : आठवीं कक्षा के 60 से 70 बच्चों ने बेकार में फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों को संग्रहीत किया, साथ में विभिन्न रंगों वाली प्लास्टिक की पॉलिथीन का संग्रह कर बोतल में भरी। ऐसी सैंकड़ों आकर्षक बोतलों को साकार किया गया है। अब स्कूल शुरू होने पर स्कूल में सजाया जाएगा। इसी के साथ खराब शूज में मिट्टी भरकर इसमें आकर्षक फूलों के पौधे लगाए गए हैं, जो देखते ही बनते हैं।


Created On :   26 Jun 2024 3:12 PM IST

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