वर्कशाप: विकसित भारत का ध्येय साकार करने के लिए संस्कृत यूनिवर्सिटी कटिबद्ध : प्रो. त्रिपाठी

विकसित भारत का ध्येय साकार करने के लिए संस्कृत यूनिवर्सिटी कटिबद्ध : प्रो. त्रिपाठी
  • विवि के शैक्षणिक परिसरों में कार्यशाला का ऑनलाइन प्रसारण
  • ‘विकसित भारत-2047’ पोर्टल का हुआ उद्घाटन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ‘विकसित भारत-2047’ पोर्टल के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल भवन तथा सभी शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुख, उप-कुलपति, प्राध्यापक, सहकर्मी और विद्यार्थियों ने आभासी माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराई। कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक परिसरों में पोर्टल से संबंधित कार्यशाला का सीधा प्रसारण किया गया।

मिलकर प्रयास करेंगे : इस कार्यशाला से जुड़कर कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि विकसित भारत का ध्येय साकार करने के लिए कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्ववि़द्यालय परिवार पूर्णत: कटिबद्ध है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संपूर्ण क्षमता से प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि देशहित, राष्ट्र विकास के साथ आजादी के शताब्दी तक विकसित भारत के इस संकल्प में संस्कृत विश्वविद्यालय सशक्त योगदान देने का प्रयास करेगा। प्रधानमंत्री का संबोधन सभी के लिए प्रेरक हैं। इस संकल्प सिद्धी हेतु हम मिलकर प्रयास करेंगे।

यही समय है सही समय है : प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 25 सालों में देश के विकास तथा प्रगति की योजना तथा ध्येय के लक्ष्य निर्धारण पर प्रो. त्रिपाठी ने ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष-2047 तक भारत का सन्निवेश विकसित राष्ट्र के श्रेणी में करने का निश्चय किया गया है। इस संकल्प से जुड़कर वे अनुशासनयुक्त सर्व स्तरीय विकास के प्रयास में योगदान करेंगे। प्रधानमंत्री द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दीर्घकालीन योजना, जनता की कल्पनाएं सरकार तक पहुंचाने के लिए, भारत के विकास में सहायक नए विचारों का सन्निवेश करने के लिए एक विशेष पोर्टल का लोकार्पण आज किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से ‘यही समय है, सही समय है’ इन्हीं शब्दों में विकसित भारत का ध्येय हर व्यक्ति, संस्था, संगठन ने रखना चाहिए यह आह्वान किया है। युवाशक्ति की जरूरत है। 2047 तक हमें विकसित राष्ट्र का उद्देश्य साकार करना है। विकसित भारत पोर्टल पर देशवासी अपने सुझाव, विचार, कल्पनाएं साझा कर सकते हैं। सर्वोत्तम 10 कल्पनाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इस आह्वान पर प्राे. त्रिपाठी ने सकारात्मकता दर्शाई।

परिसंवाद में शामिल हुए गणमान्य : विकसित भारत-2047’ कार्यशाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के उपरांत विशेष परिसंवाद का आयोजन राजभवन, मुंबई में किया गया। इस परिसंवाद में कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. कृष्ण कुमार पाण्डेय प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। प्रो. पांडेय ने विकसित भारत तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्राचार्य वेदमूर्ति, रवींद्र पैठणे, डाॅ. ज्योती राजू, डाॅ. संजय गवली, प्रा. विपुल सोलंकी, डाॅ. सुषमा काले, डाॅ. सुरेश काले आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।

Created On :   12 Dec 2023 1:33 PM IST

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