कोर्ट-कचहरी: हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं , निलंबित कुलगुरु की यूनिवर्सिटी में हो सकती है वापसी

हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं , निलंबित कुलगुरु की यूनिवर्सिटी में हो सकती है वापसी
  • अब तक आदेश काे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं
  • राज्यपाल रमेश बैस ने डॉ. चौधरी को पद से निलंबित किया था
  • राज्यपाल का फैसला हाई कोर्ट ने रद्द किया था

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के निलंबित कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी की याचिका मंजूर करते हुए राज्यपाल द्वारा दिया गया निलंबन का फैसला रद्द किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था। तब तक आदेश के अमल करने पर कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर अमल करने में सिर्फ चार दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक सरकार द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई है, इसलिए डॉ. चौधरी की कुलगुरु पद पर वापसी होने की संभावना जताई जा रही है।

निलंबन को अवैध बताया : राज्यपाल रमेश बैस ने डॉ. चौधरी को पद से निलंबित किया था। राज्यपाल के इस फैसले को डॉ. चौधरी ने कोर्ट में चुनौती दी थी। डॉ. चौधरी ने याचिका में दावा किया कि राज्यपाल द्वारा की गई निलंबन कार्रवाई अवैध, अनुचित है। इतना ही नहीं, जांच करने और याचिकाकर्ता को सजा देना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, इसलिए यह निलंबन रद्द करने की मांग याचिका में की गई थी। कोर्ट ने डॉ. चौधरी की याचिका मंजूर की थी। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया था कि डॉ. चौधरी को निलंबित करते समय एक समान कानून प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है। एक समान कानून के तहत कुलगुरु को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू करने के पहले प्रारंभिक जांच करना अनिवार्य है, लेकिन ऐसी कोई भी प्रारंभिक जांच नहीं की गई है, इसलिए राज्यपाल द्वारा जारी निलंबन के फैसले को कोर्ट ने रद्द किया था।

यह है पूरा मामला : डॉ. चौधरी के खिलाफ मिली शिकायतों पर राज्यपाल ने डॉ. चौधरी को अपना पक्ष रखने के लिए 21 फरवरी को बुलाया था, लेकिन डॉ. चौधरी के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर राज्यपाल ने निलंबन की कार्रवाई की। गोंडवाना विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे को राज्यपाल ने डॉ. सुभाष चौधरी के स्थान पर प्रभारी कुलगुरु पद पर नियुक्त किया है। डाॅ. चौधरी के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए नियुक्त उच्च तकनीकी शिक्षा के उप सचिव अजीत बाविस्कर की समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल रमेश बैस को सौंप थी। समिति की इस रिपोर्ट में बताया गया कि कुलगुरु डॉ. चाैधरी ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है और एमकेसीएल को लेकर सरकार के आदेशों की अनदेखी की गई। इस रिपोर्ट के बाद राज्यपाल ने कुलगुरु के खिलाफ कार्रवाई की थी।


Created On :   11 April 2024 7:50 AM GMT

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