नागपुर: डस्टबिन मुक्त शहर में डस्टबिन उगल रहे कचरा, सुरक्षा का अभाव, ब्लैकस्पॉट अभी भी बने

  • अनेक जगहों पर तोड़फोड़
  • शहर को डस्टबिन मुक्त करने का दावा था

डिजिटल डेस्क, नागपुर. करीब पांच साल पहले महानगरपालिका ने शहर को डस्टबिन मुक्त करने का दावा किया था। इसके एक साल बाद ही करीब 1.30 करोड़ रुपए की लागत से शहर भर में ट्विनबिन्स को लगाया गया था, लेकिन पर्याप्त निगरानी के अभाव में कुछ ही दिनों में डस्टबिन गायब हो गईं। इतना ही नहीं कई डस्टबिन बगैर लगे मनपा के जोन कार्यालयों में कबाड़ में तब्दील भी हो गए। मनपा प्रशासन ने डस्टबिन के गायब होने को लेकर गंभीरतापूर्वक कोई सर्वेक्षण तक नहीं कराया। हाल ही में शहर भर में नए सिरे से 2000 डस्टबिन को लगाया गया। इन डस्टबिन की स्थिति का जायजा लेने के लिए पांच सर्वेक्षकों को जिम्मेदारी भी दी गई, लेकिन डस्टबिनों के गायब होने और तोड़-फोड़ होने की शिकायत अब भी बनी हुई है, लेकिन डस्टबिन की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस योजना प्रशासन के पास नजर नहीं आ रही है। अधिकारियों का दावा है कि स्थानीय सफाई कर्मचारियों को नियमित देखभाल और निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन डस्टबिन के हालात देखकर सारे दावों की पोल खुल रही है।

निगरानी का अभाव

मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष ने शहर में एक बार फिर से 2,000 डस्टबिन लगाना आरंभ किया है। इसके तहत तीन एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है। शिल्पी एजेंसी को 1200 ट्विनबिन, सप्लाई स्टेक एजेंसी को 400 और पी एन्ड जी को 400 डस्टबिन को लगाना है। एजेंसियों ने शहर के प्रमुख स्थानों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में डस्टबिन लगाए गए हैं, लेकिन पर्याप्त देखभाल और निगरानी के अभाव में डस्टबिन अपने स्थानों से गायब होने लगी हैं। इतना ही नहीं असामाजिक तत्वों की ओर से डस्टबिन को तोड़ भी दिया गया है। हैरानी यह है कि डस्टबिन में कचरा भरने के बाद खाली करने को लेकर भी पहल नहीं हो रही है।

अनेक जगहों पर तोड़फोड़

घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से शहर भर में डस्टबिन का सर्वेक्षण आरंभ किया गया। इस अभियान के लिए मनपा ने 5 सर्वेक्षकों को नियुक्त किया गया। इन सर्वेक्षकों को स्वच्छता ऐप के प्रचार-प्रसार समेत डस्टबिन की व्यवस्था का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के बाद एक चौक से दूसरे चौक तक की दूरी, डस्टबिन की सफाई, ब्लैकस्पाट की निगरानी कर रिपोर्ट दी जाएंगी। सर्वेक्षकों की ओर से अपनी रिपोर्ट में करीब 25 से स्थानों से डस्टबिन के गायब होने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा करीब 50 से अधिक स्थानों पर डस्टबिन को तोड़ने का भी उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट के बाद एनडीएस के पथक और सफाई कर्मचारियों को निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

डस्टबिन की निगरानी हो रही है

डॉ गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष के मुताबिक शहर में नागरिकों की सुविधा के लिए डस्टबिन को लगाया गया है। नियमित सफाई और निगरानी को लेकर निर्देश भी दिए गए हैं। नागरिकों ने डस्टबिन की सुरक्षा को लेकर प्रयास करना चाहिए। खराब होनेवाली डस्टबिन को बदलकर लगाने का भी निर्देश दिया गया है।

कुछ माह पहले शहर में 200 स्थानों पर स्मार्ट डस्टबिन को लगाने के 1.9 करोड़ रुपए खर्च किया गया है, शहर को स्वच्छ, सुंदर बनाने के लिए नागपूर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 200 स्थानों पर 400 स्मार्ट बिन लगाए हैं। कई स्थानों पर स्मार्ट बिन्स को लगाया भी जा चुका है। सेंसर तकनीक वाली अत्याधुनिक बिन्स की 1100 लीटर क्षमता है। बिन्स को लगाने के लिए स्थानों को महानगरपालिका के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष ने चिन्हित कर दिया है। स्मार्ट सिटी ने घरेलू कचरे को दो श्रेणी में संकलन करने के लिए बिन्स को प्रस्तावित किया गया है। एक ही स्थान पर गीला और सूखा संकलन करने के लिए दो स्मार्ट बिन्स को लगाया गया है। शहर भर की बिन्स को मनपा मुख्यालय के अटलबिहारी वाजपेयी सिटी ऑपरेशन सेंटर से निगरानी जारी है।


Created On :   13 May 2024 1:56 PM GMT

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