गुहार: प्रिंसिपल, डिप्टी प्रिंसिपल व सुपरवाइजर पद के अस्तित्व पर मंडराया खतरा

प्रिंसिपल, डिप्टी प्रिंसिपल व सुपरवाइजर पद के अस्तित्व पर मंडराया खतरा
  • राज्य में मराठी माध्यम के स्कूलों पर गहरा सकता है संकट
  • छात्रों का बड़े पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान होगा
  • सरकार से फैसला रद्द करने की मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 15 मार्च 2024 को जारी शासन निर्णय पर अमल किया तो प्रिंसिपल, डिप्टी प्रिंसिपल और सुपरवाइजर पद का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। यह दावा करते हुए जनता शिक्षक महासंघ ने सरकार से यह फैसला रद्द करने की मांग की है। महासंघ के राज्य सचिव अनिल शिवणकर के नेतृत्व में नागपुर विभाग के शिक्षा उपसंचालक उल्हास नरड के माध्यम से राज्य सरकार को यह निवेदन सौंपा गया।

अनिल शिवणकर ने कहा कि, संशोधित संच मान्यता के मानदंड के कारण शिक्षकों की संख्या कम हो जाएगी और छात्रों को बड़े पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान होगा। सरकार के फैसले से प्रिंसिपल, डिप्टी प्रिंसिपल, सुपरवाइजर के पद ही नहीं रहेंगे। यह बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन है। इस फैसले सें राज्य में मराठी माध्यम के स्कूलों का भी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसलिए शिक्षकों की संख्या कम करने का फैसला तत्काल रद्द करने की मांग की गई है। निवेदन देते समय सुधीर अनवाणे, नरेश कामडे, हरीश केवटे, अशोक हजारे, प्रदीप बिबटे, माधुरी सराडकर, मोहन भेलकर, कपिल उमाले, सविता मोटघरे सहित अन्य पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

संच मान्यता के नए मानदंड... 46 छात्रों के लिए दो शिक्षक होंगे : माध्यमिक विद्यालय में पहले कक्षा 5वीं के लिए 31 छात्रों के लिए दो शिक्षक थे, लेकिन संशोधित संच मान्यता के नए मानदंड के अनुसार 46 छात्रों के लिए दो शिक्षक होंगे। पहले 6 से 8 कक्षा के लिए 36 छात्रों के लिए तीन शिक्षक अब 60 विद्यार्थियों पर तीन शिक्षक होंगे। पहले, कक्षा 9वीं और 10वीं दोनों में छात्रों की कुल संख्या 40 होने पर तीन शिक्षक थे, लेकिन अब दोनों कक्षा के लिए 20-20 छात्रों की शर्त को हटाकर 40 से 100 छात्रों तक तीन शिक्षक होंगे। पहले माध्यमिक विद्यालय में 100 विद्यार्थियों की संख्या होने पर प्राचार्य का पद स्वीकृत होता था, लेकिन अब 150 छात्र होने पर प्राचार्य का पद स्वीकृत होगा, विद्यालय में 31 शिक्षक होने पर ही उप-प्राचार्य और 16 शिक्षक होने पर ही पर्यवेक्षक पद स्वीकृत होगा।

विशेष शिक्षकों के पद भी समाप्त होंगे : महासंघ ने कहा है कि, नए मानदंड में कक्षा छह से आठ और नौ से दस के लिए स्वीकृत शिक्षकों में ही कला, खेल, संगीत और कार्य अनुभव के विशेष शिक्षकों की अनुमन्यता को शामिल किया गया है, इसलिए विशेष शिक्षकों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा।

Created On :   18 Jun 2024 12:57 PM IST

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