कंचनजंगा एक्सप्रेस: गडकरी ने हादसे पर जताया दुख, रेलवे बोर्ड ने कहा - सिग्नल की अनदेखी का मामला

गडकरी ने हादसे पर जताया दुख, रेलवे बोर्ड ने कहा - सिग्नल की अनदेखी का मामला
  • मानवीय भूल के चलते हुआ कंचनजंंगा एक्सप्रेस हादसा!
  • सोमवार को हुई रेल दुर्घटना पर दुख

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पश्चिम बंगाल में सोमवार को हुई रेल दुर्घटना पर दुख जताया है और दुर्घटना में हताहत लोगों और उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है। गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मै पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे से बहुत दुखी हूं। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति मेरी हार्दिक संवदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस कठिन समय में सभी प्रभावितों को शक्ति और शांति मिले।

मानवीय भूल के चलते हुआ कंचनजंंगा एक्सप्रेस हादसा!

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास कंचनजंंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में 8 लोगों की मौत हो चुकी है और चार दर्जन से अधिक लोग घायल हैं। इस घटना के बारे में रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि इस दुर्घटना का प्रथमदृष्टया कारण मानवीय भूल लग रहा है। शुरूआती संकेत बताते हैं कि यह सिग्नल की अनदेखी का मामला है। उन्होंने सुरक्षा कवच को पश्चिम बंगाल के लिए योजनाबद्ध तरीके से बढ़ाने की जरूरत बताई है। जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि सिग्नल की अनदेखी करने वाले दोनों ड्राइवर (लोको पायलट) की मौत हो चुकी है और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड की जान भी चली गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और गुवाहाटी रेल लाइन और पश्चिम बंगाल में अभी कवच सिस्टम नहीं लगा है। यह रूट अगले साल की योजना में शामिल है। उन्होंने बताया कि अब तक पूरे देश में 1,500 किलोमीटर से अधिक ट्रैक पर कवच काम कर रहा है।

इस साल और तीन हजार किलोमीटर ट्रैक पर कवच लग जाएगा। अगले साल भी तीन हजार किलोमीटर ट्रैक पर कवच लगाने की योजना है। आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुई कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदह जा रही थी। कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से मालगाड़ी ने सिग्नल तोड़ते हुए टक्कर मारी है। ट्रेन के पीछे का गार्ड का डिब्बा, दो पार्सल वैन और जनरल डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि दो पार्सल वैन के चलते आमजन का नुकसान कम हुआ है, अन्यथा मृतकों का आंकड़ा कहीं और ज्यादा होता।



Created On :   17 Jun 2024 3:23 PM GMT

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