क्राइम: रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल , साल-दर-साल बढ़ रहे आपराधिक मामले

रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल , साल-दर-साल बढ़ रहे आपराधिक मामले
  • रेलवे पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
  • वर्ष 2021 से लेकर अब तक ढाई हजार से ज्यादा मामले दर्ज
  • अपराधियों पर जीआरपी की पकड़ कमजोर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे में अापराधिक गतिविधियों में साल-दर साल इजाफा हो रहा है। वर्ष 2021 से लेकर अब तक 2500 से ज्यादा चोरी, लूटपाट, मारपीट और दुष्कर्म का मामले दर्ज हुए हैं। घटती यात्रियों की सुरक्षा व बढ़ते अपराध ने रेलवे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।

आधे मामलों की गुत्थी तक नहीं सुलझी : ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए सुरक्षा मुख्य मुद्दा है। गंतव्य की ओर दौड़ने वाली ट्रेनों में चोर और अपराधी शिकार की तलाश में रहते हैं। स्टेशनों पर भी इनकी गैंग सक्रिय रहती है। यात्री सुरक्षा के लिए रेलवे में दो सुरक्षा व्यवस्था हंै। एक आरपीएफ, जिसका काम रेलवे की संपत्तियों का जतन करना है। प्लेटफार्म, स्टेशन, पटरी, रेल परिसर में चोरी होने वाली रेल संपत्तियों के मामले की जांच, आरोपी की धरपकड़ आदि इस टीम के जिम्मे है। यह व्यवस्था केन्द्र सरकार की होती है। दूसरी व्यवस्था जीआरपी है, जो राज्य सरकार के अंतर्गत आती है। चोरी, हत्या, दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों से निपटने की जिम्मेदारी राज्य सरकार अंतर्गत काम करने वाली रेलवे पुलिस यानी जीआरपी के कंधों पर दी गई है, लेकिन पिछले 4 सालों में स्टेशन पर होने वाली अापराधिक गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है। अभी तक 2500 से ज्यादा मामले जीआरपी थाना, नागपुर में दर्ज हुए हैं। जिसमें आधे मामलों की भी गुत्थी विभाग नहीं सुलझा पाया है।

मोबाइल चोरी के सबसे ज्यादा मामले : यात्री कई बार लापरवाही से स्टेशन परिसर या ट्रेन में अपना मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट पर रखकर सो जाते हैं, जिसका फायदा उठाकर सक्रिय चोर मोबाइल चुराकर ले जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि, इन मामलों के ज्यादा खुलासे नहीं होते हैं।

इस तरह बढ़ा ग्राफ : वर्ष अनुसार आंकड़े देखने पर हर साल स्टेशन व परिसर में अपराध की संख्या बढ़ती नजर आ रही है। वर्ष 2021 में 730 से ज्यादा, वर्ष 2022 में 800, वर्ष 2023 में 840 और वर्ष 2024 में अब तक 400 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। जिसमें सभी तरह के मामले हैं। ऐसे में कहीं न कहीं जीआरपी की पकड़ अपराधियों पर कमजोर होती नजर आ रही है।


Created On :   30 May 2024 4:59 PM IST

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