ऑनलाइन: पहला स्पेशल राउंड - ग्यारहवीं में सिर्फ 37 फीसदी एडमिशन, 33 हजार सीटें रिक्त

पहला स्पेशल राउंड - ग्यारहवीं में सिर्फ 37 फीसदी एडमिशन, 33 हजार सीटें रिक्त
  • तीसरे राउंड में 2 हजार 710 प्रवेश
  • पहला स्पेशल राउंड हुआ शुरू
  • ग्यारहवीं में सिर्फ 37 फीसदी एडमिशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्यारहवीं के लिए ऑनलाइन केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के चलते हाल ही में तीसरा नियमित कैप राउंड पूरा हुआ है। महानगरपालिका के क्षेत्र में विभिन्न कॉलेजों में सिर्फ 37 फीसदी ही एडमिशन हुए और 63 फीसदी यानी 33 हजार से ज्यादा सीटें अब भी रिक्त हैं। नागपुर क्षेत्र के 200 कॉलेजों में 58 हजार 830 सीटों के लिए यह प्रवेश प्रक्रिया क्रियान्वित की जा रही हैं। अब तक कुल तीन कैप राउंड में 19 हजार 954 छात्रों ने प्रवेश लिया है। वहीं 33 हजार 876 सीटें खाली है। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा मुंबई, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, नासिक, अमरावती, नागपुर महानगरपालिका क्षेत्रों में 2024-25 वर्ष के लिए कक्षा 11वीं के लिए यह आनलाइन केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया आयोजित की गई है। छात्रों को अपने शहर का चयन करना है और वेबसाइट https://11thadmission.org.in से 11वीं प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी है। इसके तहत ग्यारहवीं प्रवेश के लिए तीसरी प्रवेश सूची 22 जुलाई को घोषित की गई थी। प्रवेश सूची के अनुसार जिन विद्यार्थियों को कॉलेज मिला था उन्हे 24 जुलाई शाम 6 बजे तक अपना प्रवेश सुनिश्चित करना था। साथ ही, जूनियर कॉलेज स्तर पर संस्थागत, अल्पसंख्यक और प्रबंधन कोटा के तहत प्रवेश चाहने वाले छात्रों की प्रवेश सूची 19 जुलाई को जारी कर दी थी। इसके बाद 24 जुलाई को शाम 6 बजे तक कोटा एडमिशन का फैसला भी होना था। तीसरे राउंड में नागपुर मनपा क्षेत्र के कॉलेजों में 3 हजार 343 सीटें छात्रों को दी गईं। इसमें से कैप राउंड में 1 हजार 808 सीटों और कॉलेज कोटे से 902 सीटों ऐसे कुल 2 हजार 710 सीटों पर प्रवेश हुआ। वहीं 25 जुलाई से पहला स्पेशल कैप राउंड शुरू हुआ है।

ग्यारहवीं के लिए शाखावार प्रवेश

शाखा कुल सीटें सीटें भरी गई

विज्ञान 27110 11764

वाणिज्य 15820 5294

कला 7820 2285

व्यवसाय 3080 631

ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों एडमिशन

विज्ञान शाखा में पढ़ाई करने वाले अधिकांश छात्रों को नीट, जेईई के लिए ट्यूशन लगानी पडती है। इसलिए उनका ज्यादा तर समय ट्यूशन क्लास में ही जाता है। इसलिए उन कॉलेजों में प्रवेश करना आसान होता है। जिनके ट्‌यूशन क्लॉसेस वालों का 'टाइप-अप' होता है। केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के कारण छात्र निश्चित नहीं हैं कि उन्हें किस कॉलेज में प्रवेश मिलेगा। इसलिए कई ट्यूशन क्लासेस वाले ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों के साथ टाइप-अप कर रहे हैं। ऐसे में छात्र शहर के पास के ग्रामीण इलाकों के कॉलेजों में एडमिशन ले रहे हैं, जबकि शहर के कॉलेजों में सीटें खाली रह जाती हैं।


Created On :   28 July 2024 8:07 PM IST

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