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नागपुर: किसान भी परेशान, मुआवजे पर उठा है सवाल - तहसीलदार, नायब तहसीलदार नहीं
- प्रभावित हो रहा काम
- क्षतिग्रस्त मकानों को नहीं मिली मदद
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राजस्व विभाग को जिला प्रशासन का सबसे अहम विभाग माना जाता है। सबसे ज्यादा काम व जिम्मेदारी भी इसी विभाग पर होती है। प्राकृतिक व कृत्रिम आपदा से होने वाले जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट भी इसी विभाग को बनानी होती है। बेमौसम बारिश व सूखे से होने वाले फसल नुकसान का लेखा-जोखा भी इसी विभाग को देखना होता है। पिछले कई महीने से राजस्व विभाग में तहसीलदार व नायब तहसीलदार नहीं हैं।
प्रभावित हो रहा काम
जिला प्रशासन की प्राथमिकता राजस्व जुटाने की होती है। जिलाधीश की अगुवाई में राजस्व विभाग का काम चलता है और विभाग की कमान उपजिलाधीश स्तर के अधिकारी के हाथ में होती है। राजस्व विभाग की जिम्मेदारी उपजिलाधीश पीयूष चिवंडे संभाल रहे हैं। तहसीलदार रोहिणी पाठराबे के जाने के बाद से यहां तहसीलदार का पद खाली पड़ा है। इसी तरह नायब तहसीलदार का पद भी रिक्त है। विभाग में तीन मंडल अधिकारी चाहिए, लेकिन दो पद खाली पड़े हुए हैं। बेमौसम बारिश के बाद जिले के 16 मंडलों में सूखा पड़ गया है। सूखे से निपटने के लिए कई तरह के उपाय करना है। तहसीलदार, नायब तहसीलदार व मंडल अधिकारी जैसे अहम पद खाली पड़े होने से काम प्रभावित हो रहा है।
क्षतिग्रस्त मकानों को नहीं मिली मदद
बेमौसम बारिश से जिले में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए। कई मकान तो जमींदोज हो गए। पीड़ितों को आर्थिक मदद अब तक नहीं मिल सकी है। सरकार से अभी तक मदद नहीं मिली। इस पर राजस्व विभाग को ही काम करना होता है।
Created On :   26 May 2024 10:08 AM IST