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वेतन अटकने से गुस्साए: नागपुर शहर के नेहरूनगर और हनुमाननगर में कचरा संकलन बंद
- एजी एन्वायरों कंपनी के कर्मचारियों ने की हड़ताल
- बिल भुगतान में देरी से वेतन अटका
- गुरूवार से व्यवस्था को सुचारू होने की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका प्रशासन की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव पर शहर भर में रोशनाई और डेकोरेशन पर खर्च किया जा रहा है, लेकिन कचरा संकलन एजेंसियों के भुगतान को लेकर खासी देरी की जा रही है। ऐसे में वेतन भुगतान में देरी समेत अन्य मांगों को लेकर कचरा संकलन कंपनी एजी एन्वायरों के कर्मचारियों ने मंगलवार से नेहरूनगर और हनुमाननगर जोन में हड़ताल कर दी है। हड़ताली कर्मचारियांे की मांग है कि प्रतिमाह पहले सप्ताह में वेतन भुगतान और आकस्मिक अवकाश के नगदी भुगतान किए जाएं, लेकिन मनपा से कचरा संकलन के बिल भुगतान में देरी के चलते कर्मचारियों को वेतन नहीं हो पा रहा है। कंपनी के अधिकारी का दावा है कि गुरूवार से व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाएगा।
शहर में कचरा संकलन एजेंसी एजी एन्वायरों के कर्मचारियों ने मंगलवार से दो जोन हनुमाननगर और नेहरूनगर में हड़ताल कर दी है। हड़ताली कर्मचारियों की मांग है कि कंपनी की ओर से प्रतिमाह पहले सप्ताह में वेतन भुगतान और आकस्मिक अवकाश का नगदी रूप में दिया जाएं। कंपनी को कर्मचारियों को प्रतिमाह 2 करोड़ 57 लाख रुपए का भुगतान करना होता है, लेकिन मनपा की ओर से प्रतिमाह के बिल में देरी के चलते वेतन देने में देरी हो रही है। वहीं दूसरी ओर लगातार घाटे के चलते कर्मचारियों के लगातार 240 दिनों के काम करने पर 21 आकस्मिक अवकाश को नगदी रूप में देने में भी परेशानी हो रही है। नियमों के तहत प्रति अवकाश पर करीब 800 रुपए का भुगतान करना होता है
दाम बढ़ोतरी की रकम भी प्रलंबित : मनपा से अनुबंध के तहत दोनों कंपनियों के ईधन दाम और कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी पर रकम देने का प्रावधान है। एस्केलेशन राशि के रूप में साल 2019 से दोनों कंपनियों को भुगतान नहीं किया गया है। एजी एन्वायरों कंपनी के 1200 कर्मचारियों, 275 वाहनों पर अब तक करीब 23 करोड़ रुपए का भुगतन मनपा प्रशासन से लेना है। इसी तरह बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमीटेड कंपनी को भी करीब 20 करोड़ रुपए की राशि लेना है, लेकिन मनपा की ओर से राशि के भुगतान को लेकर पहल नहीं की गई है। वहीं दोनों कंपनी पर बगैर कोई कारण के प्रतिमाह 30-30 लाख रुपए की दंडात्मक कार्रवाई हो रही है।
मनपा की अनदेखी से संकट : मनपा प्रशासन की ओर से जोन स्तर, डपिंग यार्ड, उपायुक्त स्तर दंडात्मक कार्रवाई कर रहे है। इसके बाद अंतिम बिल में अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल बगैर किसी कारण के 5 फीसदी दंड लगा रही है। ऐसे में मनपा से प्रतिमाह के 3.50 करोड़ के बिल भुगतान में देरी से भुगतान करने पर कंपनी को 4.50 करोड़ रुपए का खर्च करने से प्रतिमाह नुकसान झेलना पड़ रहा है। मनपा की लापरवाही का खामियाजा दोनो कंपनी को बेवजह भुगतने के साथ नागरिकों की नजर में अपराधी भी बन रहे है। - डॉ समीर टोनपे, प्रोजेक्ट संचालक, एजी एन्वायरों कंपनी,
Created On :   14 Aug 2024 2:48 PM IST