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रोड़ा: नागपुर के मेयो हास्पिटल के साथ निधि के मामले में सौतेलापन,विकासकार्य की गति धीमी
- सरकार ने मेडिकल को दी करोड़ों रुपए की निधि
- मेयो में निधि के अभाव में विकास कार्य अटके
- 83 करोड़ रुपए की मांग
डिजिटल डेस्क, नागपुर । शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के अमृत महोत्सव वर्ष को देखते हुए सरकार ने करोड़ों रुपए की निधि उपलब्ध करा दी है। इसकी तुलना में इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) को पर्याप्त निधि नहीं मिलने से विकासकार्य की गति धीमी हो चुकी है।
पिछले साल मिले केवल 14 करोड़ : मेडिकल की तुलना में मेयो के प्रति सरकार का सौतेलापन सामने आने की चर्चा है। बताया जाता है कि पिछले साल मेडिकल प्रशासन ने सरकार से 110 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसमें से अधिकांश निधि मेडिकल को मिल चुकी है। लेकिन मेयो को केवल 14 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं। इसमें से भी 3.50 करोड़ रुपए खर्च नहीं होने से वापिस चले गए हैं। समय पर पर्याप्त निधि नहीं मिलने से मेयो के निर्माणकार्य की गति धीमी हो चुकी है। जब मेयो के अधिष्ठाता डॉ. प्रकाश वाकोड़े थे, उस समय उन्होंने इस बारे में आवाज उठाने का प्रयास किया था। बाद में वे चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक भी बने, बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो पाया।
271 करोड़ के प्रस्ताव : मरीजों के हित को देखते हुए मेयो के विविध विकासकार्यों के लिए इस साल 83 करोड़ रुपए की मांग की गई है। सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा गया है। अधिकतर निधि मरीज, उपकरण, दवाएं व शिक्षा उपक्रमों के लिए है। जिला नियोजन विकास समिति, खनिकर्म विभाग व अन्य योजना अंतर्गत निधि उपलब्ध कराई जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि यहां की मूलभूत सुविधाओं का विकास व विस्तार करने के लिए 271 करोड़ रुपए चाहिए। वर्तमान में यहां सर्जिकल कॉम्प्लेक्स, छात्रावास, 500 बिस्तर क्षमता की मेडिसिन विंग के काम प्रस्तावित हैं। इसके लिए 271 करोड़ रुपए की मांग की गई है। उपमुख्यमंत्री ने शीघ्र निधि उपलब्ध कराने के लिए सूचित किया है। जब तक निधि नहीं मिलती तब तक अधूरे काम पूरे नहीं हो सकते। जल्द ही निधि मिलने की उम्मीद है।
Created On :   26 Jun 2024 10:04 AM GMT