नागपुर: समस्याओं पर चर्चा - गडकरी ने साधा नागरिकों से संवाद, प्रजेंटेशन की सराहना

  • खामला स्थित जनसंपर्क कार्यालय में नागरिकों से संवाद साधा
  • किसानों और आदिवासियों को फायदा होगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने रविवार को खामला स्थित जनसंपर्क कार्यालय में नागरिकों से संवाद साधा। दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, युवाओं के अलावा विविध संस्था, संगठन के सदस्यों ने गडकरी से मुलाकात कर विविध विषयों पर चर्चा की। विविध समस्याएं रखी गईं। लोकोपयोगी सामग्री की मांग की। संजय गांधी निराधार योजना, सड़क निर्माण कार्य, नौकरी के अलावा नए प्रयोगों के प्रजेंटेशन पर चर्चा की गई। कई नागरिकों ने उनकी समस्याएं दूर होने को लेकर गडकरी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। रेल, महामार्ग, कृषि, सहकार, पर्यावरण, जलापूर्ति, ऑटोमोबाइल सहित विविध क्षेत्र व विभागों के संबंध में गडकरी ने चर्चा की।

प्रजेंटेशन की सराहना की

तमिलनाडू के कोयंबटूर शहर के कार्तिकेय विश्वकर्मा ने इलेक्ट्रिक स्कूटर का स्टार्टअप शुरू किया है। किक स्कूटर्स, इलेक्ट्रिक वेहिकल, इलेक्ट्रिक बोट में इस्तेमाल होनेवाली बैटरी तैयार की जाती है। कार्तिकेय ने इलेक्ट्रिक स्कूटर के संबंध में प्रजेंटेशन किया। गडकरी ने सराहना की। शहर के विविध भजन मंडलों को नि:शुल्क सामग्री वितरित की गई। सार्वजनिक हनुमान मंदिर, जय मां दुर्गा महिला मंडल, ओंकारेश्वर महिला भजन मंडल, भवानी माता भजन मंडल, पुष्पांजलि भजन मंडल, कृष्ष्णाई भजन मंडल को सामग्रियां दी गईं।

‘राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद' का समापन

वहीं पेट्रोल-डीजल के स्थान पर जैव ईंधन या वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करके हम निश्चित रूप से प्रदूषण पर काबू पा सकते हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से ये भी संभव है। इसके लिए, निजी वाहनों सहित संपूर्ण सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को वैकल्पिक ईंधन पर आना चाहिए। यह आह्वान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया।राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ का दीक्षांत समारोह हॉल में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर गडकरी बोल रहे थे। मंच पर शालिनी अग्रवाल, पायल कनाके, शिल्पा कुमारी, मयूर जावेरी आदि प्रमुख थे। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के बिना आम लोगों का जीवन जीना आसान नहीं होगा। उन्होंने युवाओं से वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों का उपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘देश के पुनर्निर्माण में तीन चीजें महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में बताई गई हैं। नैतिकता, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी-पर्यावरण। इसमें पर्यावरण का मुद्दा बेहद अहम है।

हमने इस कार्यक्रम में इस पर विस्तार से चर्चा की है। मेरा मानना ​​है कि इससे प्रेरणा लेकर भविष्य में रचनात्मक कार्य अवश्य किये जाएंगे। वायु, ध्वनि एवं जल प्रदूषण तीन प्रमुख समस्याएं हैं। इस पर गंभीरता से विचार करने और वास्तविक कार्रवाई की जरूरत है।' पिछले दस वर्षों में इस संबंध में अनेक प्रयास किए गए हैं और कुछ सफलता भी प्राप्त हुई है। वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए नये-नये प्रयोग चल रहे हैं। वायु प्रदूषण का मुख्य कारण जीवाश्म ईंधन का उपयोग है। इससे न केवल पेट्रोलियम ईंधन के माध्यम से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वित्तीय समस्याएं भी पैदा हो रही हैं।

किसानों और आदिवासियों को फायदा होगा : आज हम 16 लाख करोड़ रुपये का पेट्रोलियम ईंधन आयात कर रहे हैं और यदि वैकल्पिक ईंधन का उपयोग नहीं किया गया तो अगले कुछ वर्षों में यह आयात 25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। इसके लिए, 2014 से, मैं दुनिया की सभी प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनियों से इलेक्ट्रिक या अन्य वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहन बनाने का आग्रह कर रहा हूं। क्योंकि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने आज तगों क लाखों लोको रोजगार दिया है और देश के राजस्व में भी इसका सबसे बड़ा योगदान है। हमारा रुख यह है कि ऑटोमोबाइल उद्योग को और आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन प्रदूषण नहीं फैलाना चाहिए। देश के लिए 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। इथेनॉल किसानों के लिए ईंधन है। यदि यह ईंधन 5 लाख करोड़ तक चला गया तो देश की कृषि दर 12 प्रतिशत से 25 प्रतिशत हो जाएगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इससे किसानों और आदिवासियों को फायदा होगा।

Created On :   12 Feb 2024 12:41 PM GMT

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