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अड़ंगा: जेल का सर्वर डाउन होने से प्रो. साईबाबा अभी रिहा नहीं, प्रक्रिया नहीं हो पाई पूरी
- गड़चिरोली पुलिस का काफिला पहुंचा
- रिश्तेदारों में मची हलचल, जेल परिसर में ही डटे रहे
- कोर्ट ने उन्हें दोष मुक्त करार देते हुए सभी आरोप से बरी किया
डिजिटल डेस्क, नागपुर । हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रो.साईबाबा को और एक रात जेल में ही काटनी पड़ी। जेल का सर्वर डाउन होने से जेल प्रशासन को कोर्ट का आदेश देर से मिला है। इसको लेकर जेल प्रशासन और प्रो.साईबाबा के वकीलों के बीच तीखी नोंक-झोंकऔर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। इस बीच गडचिरोली पुलिस का काफिला पहुंचने से किसी प्रकरण में साईबाबा को फिर से गिरफ्तार करने की आशंका परिजनों को सताने लगी थी।
परिजनों को हुई आशंका : बुधवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे के दौरान प्रो.साईबाबा की रिहाई के आदेश उनके वकील निहालसिंह राठोड़, आकाश सरोदे, आनंद गजभिये को मला,लेकिन यह आदेश ऑनलाइन था, जिसे जेल प्रशासन को भेज दिया गया था। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल का सर्वर डाउन होने से आदेश उन्हें देर से मिला है। जब तक आदेश लोड नहीं होता, तब तक जेल की नियमावली के अनुसार प्रो.साईबाबा को नहीं छोड़ा जा सकता था,जबकि साईबाबा को ले जाने के लिए उनका भाई और पत्नी सवंता दिन भर जेल परिसर में रुके हुए थे।
दोष मुक्त होने के बाद भी प्रो.साईबाबा को और एक रात जेल में ही काटनी पड़ी। उनके वकीलों ने इसके विरोध में रात में फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी दिखाई। उनका कहना था कि जेल के बाकी कैदियों को छोड़ा जा रहा है, लेकिन ऑनलाइन आदेश मिलने के बाद बेवजह साईबाबा को जेल में ही रोका जा रहा है। इस बीच गड़चिरोली पुलिस की गतिविधियां बढ़ने से उनके वकीलों में यह आशंका गहराने लगी कि कहीं फिर से किसी अन्य मामले में साईबाबा को गिरफ्तार तो नहीं किया जा रहा। उल्लेखनीय है कि नक्सली समर्थक होने के आरोप में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो.साईबाबा वर्ष 2015 से नागपुर जेल में बंद हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने उन्हें दोष मुक्त करार देते हुए सभी आरोप से बरी किया है।
पुलिस की गुप्त यंत्रणा सक्रिय : साईबाबा के जेल से बाहर आने के पहले पुलिस का खुफिया विभाग सक्रिय हो गया और यह जानने का प्रयास किया जा रहा था कि साईबाबा के समर्थक जीत की खुशी में कहीं रैली निकालने की तैयारी में तो नहीं हैं।
पेटी में जमा होती है आदेश की हार्ड काॅपी : जेल परिसर में पेटी लगी हुई है। जिसमें जेल से छुटने वाले लोगों के संबंध में कोर्ट के आदेश की हार्ड कॉपी जमा की जाती है, लेकिन प्रो.साईबाबा के वकीलों ने पेटी में हार्ड काॅपी जमा नहीं की थी। इस कारण भी साईबाबा को छोड़ा नहीं जा सका है।
Created On :   7 March 2024 6:27 AM GMT