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जांच: कुलगुरु सुभाष चौधरी को राहत नहीं , करना होगा जांच का सामना
- 13 जुलाई तक जवाब दायर करने के निर्देश
- समिति ने जांच पूरी कर राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी
- डॉ. चौधरी ने विरोध में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी को कुलपति के रूप में राज्यपाल रमेश बैस द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को अंतरिम स्थगिती देने से बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर खडंपीठ ने इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए इस झटके के बाद डॉ. सुभाष चौधरी की बैस के समक्ष जांच अब निश्चित है। शिक्षा मंत्रालय, कुलपति व विद्यापीठ को उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर 13 जुलाई तक जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं।
इस कारण मामला कोर्ट में : इस प्रकरण में न्यायमूर्ति विभा कंकणवाडी और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार, कुलपति रमेश बैस ने डॉ. चौधरी की जांच के लिए 8 मई को उच्च शिक्षा विभाग के उपसचिव अशोक मांडे की नियुक्ति की है। समिति ने जांच पूरी कर राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी है। इस अनुसार, राज्यपाल ने कुलगुरु डॉ. चौधरी को दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सोमवार 24 जून को जांच के लिए हाजिर रहने के आदेश दिए थे। डॉ. चौधरी ने इसके विरोध में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में कहा कि यह प्रकरण एक समान कानून पद्धति के लिए (यूनिफार्म स्टैट्यूट) अनुरूप नहीं है। इसके अलावा जांच कौन से आरोप अंतर्गत है, इसका खुलासा भी कुलपति के नोटिस में नहीं है।
अगली सुनवाई 15 जुलाई को : न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नोटिस पर स्थगिती देने का निर्णय मंगलवार तक सुरक्षित रखा था। मंगलवार को न्यायालय ने अंतरिम स्थगिती देने के इनकार कर दिया है। साथ में शिक्षा मंत्रालय, कुलपति व विद्यापीठ को 13 जुलाई तक जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। डॉ. चौधरी की तरफ से एड. फिरदौस मिर्झा ने पैरवी की। शिक्षा मंत्रालय की ओर से मुख्य सरकारी वकील देवेन चव्हाण, विद्यापीठ की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस.के. मिश्रा ने बात रखी।
Created On :   26 Jun 2024 12:53 PM IST