राहत: पुलिस काे सहयोग करने की शर्त पर आरोपी आरटीओ अधिकारी को अग्रिम जमानत

पुलिस काे सहयोग करने की शर्त पर आरोपी आरटीओ अधिकारी को अग्रिम जमानत
  • विविध 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं
  • करीब दो महीने से फरार थी
  • जांच में सहयोग नहीं किया, तो रद्द हो सकती है जमानत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विवादित आरटीओ अधिकारी गीता शेजवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। जांच में पुलिस काे सहयोग करने की शर्त पर अग्रिम जमानत प्रदान की गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने उसकी गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका ठुकराने के बाद शीर्ष अदालत के मा. न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और प्रसन्ना वराले ने हत्या के प्रयास के मामले में उसे यह राहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंची : गीता शेजवाल पर अपने ही अधिनस्थ आरटीओ अधिकारी संकेत गायकवाड़ पर गोली चलाकर उसे जान से मारने का प्रयास करने का आरोप है। यह घटना 5 मई 2022 को हुई थी। अपराध शाखा की प्रारंभिक जांच में गोलीकांड की सूत्रधार के तौर पर मुख्य आरोपी गीता शेजवाल को बनाया गया है, जबकि प्रकरण की सच्चाई छुपाने से प्रकरण में जख्मी संकेत को सह आरोपी बनाया गया है। आरोपियों के करीबी रिश्तेदारों सहित कुछ आरटीओ अधिकारियों और चिकित्सक के भी बयान दर्ज िकए गए हैं, जो जांच के दौरान आरोपियों को बचाने के लिए झूठे बयान दिए जाने का खुलासा हुआ है। घटना के वक्त अपार्टमेंट के सुरक्षा रक्षक ने गाली-गलौज, शोर-शराबा और गोली चलने की आवाज सुनी थी। इससे पुलिस का शिकंजा कसता देखकर गीता फरार हो गई। करीब दो महीने तक वह फरार रही है। उसने बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ के समक्ष 8 फरवरी को गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दाखल की, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया। तब वह सुप्रीट कोर्ट में दौड़ लगाई, जिस पर हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने राहत प्रदान कर इस शर्त पर अग्रिम जमानत प्रदान की है कि वह मामले की जांच के दौरान पुलिस को पूरा सहयोग करेगी।

अड़ियल रवैया : गीता सेजवाल को विभाग में विवादित और अड़ियल रवैये की अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उसके खिलाफ विविध स्थानों पर रिश्वतखोरी, जालसाजी आदी कुल 6 अापराधिक प्रकरण दर्ज हैं। जांच में सहयोग नहीं करने पर उसकी जमानत रद्द हो सकती है।

धन उगाही के लिए अधिकारियों की बैठक : गीता के नेतृत्व में विभाग के फ्लाइंग स्क्वॉड का गठन हुआ था। बाद में गीता की जगह यह जिम्मेदारी संकेत को सौंपी गई। संकेत एक वरिष्ठ अधिकारी के इशारे पर स्कवॉड द्वारा जमा िकया धन इकट्ठा करने लगा था। इसको लेकर स्कवॉड से जुड़े 5-6 अधिकारियों की शंकर नगर चौक के एक पॉश रेस्टॉरेंट में बैठक होती थी। इसी धन के विवाद में गीता द्वारा संकेत पर गोली चलाने का खुलासा पुलिस की प्रारंभिक जांच में हुआ है। गीता की तरफ से एड. सिद्धार्थ लूथरा, समीर सोनवने और अनमोल खेता ने पक्ष रखा है।

Created On :   29 Feb 2024 1:05 PM IST

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