घमासान: चंद्रपुर लोकसभा : राज्य में एकमात्र सीट जहां 2019 के चुनाव में कांग्रेस जीती थी

चंद्रपुर लोकसभा : राज्य में एकमात्र सीट जहां 2019 के चुनाव में कांग्रेस जीती थी
  • उम्मीदवारों की उम्मीद पर अपनों की नजर न लग जाएं
  • दोनों की बड़ी पार्टियों में असंतुष्ट से ही बढ़ा खतरा
  • भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला

रघुनाथसिंह लोधी,नागपुर। चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा रहा। भाजपा ने जीत की हैट्रिक बनायी तो कांग्रेस का आत्मविश्वास डोल सा गया। लेकिन 2019 के चुनाव में फिर से कांग्रेस की बांछे खिल उठी। उम्मीदवारी के लिए शिवसेना छोड़ आए बालू धानोरकर ने एकतरह से राजनीतिक धमाका कर दिया। राज्य में चंद्रपुर इकलौती सीट रही जहां कांग्रेस जीत पायी। इस बार कांग्रेस को पटखनी देने के दावों के साथ भाजपा ने केबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को मैदान में उतारा है। उधर कांग्रेस ने बालू धानोरकर की पत्नी प्रतिभा धानोरकर पर दांव लगाया है। और भी अन्य उम्मीदवार हैं। लेकिन लग यही रहा है कि भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। अहम आशंका यह भी है कि उम्मीदवारों की उम्मीद पर अपनों की नजर न लग जाए। उम्मीदवारी पाने या दिलाने से चूके नेता दोनों दल में हैं। कहीं वे उम्मीदवार के लिए चूभन न बन जाएं।

कभी कहते थे कांग्रेस नहीं हार सकती है : चंद्रपुर को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता रहा है। यह भी दावा किया गया कि यहां कभी कांग्रेस नहीं हार सकती है। 1952 में कांग्रेस के अब्दुल तहेराली को सांसद चुना गया। 1957 में वीएन स्वामी चुने गए। 1962 में निर्दलीय लाल श्यामशाह चुने गए। 1977 में भारतीय लोकसेवा पार्टी के विश्वेश्वराव जीते थे। 1980, 1984,1989 व 1991 में कांग्रेस के शांताराम पोटदुखे जीते। राजीव गांधी के नेतृत्व की सरकार में पोटदुखे केंद्रीय वित्तराज्यमंत्री बने थे। 1996 में भाजपा ने कांग्रेस को पराजित किया। भाजपा के हंसराज अहिर चुनाव जीते। लेकिन 1999 में कांग्रेस के नरेश पुगलिया से अहिर पराजित हो गए। लेकिन 2004, 2009 व 2014 में अहिर जीते। अहिर को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृहराज्यमंत्री बनाया गया था। 2019 में अहिर को बालू धानोरकर ने पराजित किया था।

6 विधानसभा क्षेत्र : राजुरा,चंद्रपुर, बल्लारपुर, वरोरा, वणी व आर्णी विधानसभा क्षेत्र चंद्रपुर लोकसभा में हैं। इनमें वणी व आर्णी यवतमाल जिले में हैं।

मतदाता संख्या 2024

कुल-3,14,376

पुरुष-1,61,411

महिला-1,52,961

मतदान केंद्र-366

मतदाता संख्या 2019

कुल मतदान- 12,38,474

वैध-12,38,474

प्रमुख उम्मीदारों को मिले मत: बालू धानोरकर कांग्रेस 5,59,507, हंसराज अहिर भाजपा 5,14,744, राजेंद्र महाडोले वंचित आघाडी 1,12,079

प्रमुख मुद्दा : 2019 में चुनाव प्रचार में कांग्रेस उम्मीदवार बालू धानोरकर ने जिले से दारुबंदी हटाने का वादा किया। आघाडी सरकार ने दारुबंदी हटा दी। हंसराज अहिर दारु के मुद्दे से दूर रहे। क्षेत्र में कोयला खदान, प्रदूषण, बिजली प्रकल्प, उद्योग के लिए जमीन अधिग्रहण, स्थानीय को रोजगार, धान को भाव व ओबीसी आरक्षण का मुद्दा प्रमुख रहेगा।

उम्मीदवारों की खास बातें : सुधीर मुनगंटीवार पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। बल्लारपुर से 6 बार विधायक रहे हैं। 1996 में शिवसेना भाजपा युति की सरकार में राज्यमंत्री थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। फडणवीस सरकार में वित्तमंत्री व अब वनमंत्री हैं। लेकिन उन्हें अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के असंतोष का सामना करना पड़ा था। उम्मीदवारी मिलने के पहले उन्होंने खुलकर कहा भी था कि मैं अपनी उम्मीदवारी खारिज कराने का प्रयास कर रहा हूं। राज्य में मंत्रिपद के मामले में विभाग कटौती का मामला उनके राजनीति पर कतरने के आशय से देखा जाता रहा है। उम्मीदवारी नहीं मिलने से हंसराज अहिर का साथ न जाने कितना मिल पायेगा। 2019 तक अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक का विषय प्रभावी नहीं था। इस बार दलित, मुस्लिम, आदिवासी व ओबीसी के मतदाताओं का मिजाज अलग दिख रहा है।

मुनगंटीवार के समाज के मतदाता कम है। प्रतिभा धानोरकर का जन्म वणी तहसील के परमडोह में हुआ था। उम्मीदवारी पाने के प्रचार में प्रतिभा का स्लोगन था- लेक वणीची, सून चंद्रपुरची। अर्थात वणी की बच्ची, चंद्रपुर की बहू। वणी, वरोरा, आर्णी, भद्रावती में मुनगंटीवार को अधिक चुनावी मेहनत करनी पड़ेगी। 2019 में बालू धानोरकर के सांसद बनने से पहले प्रतिभा राजनीति में अधिक सक्रिय नहीं थी। लेकिन उसी साल विधानसभा के चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने वरोरा से उम्मीदवार बनाया, वह जीती। प्रतिभा कुनबी ओबीसी समाज से है। राज्य में ओबीसी व मराठा के न्याय के संघर्ष में चंद्रपुर ओबीसी आंदोलन का केंद्र रहा है। ओबीसी के समर्थन में भूख हड़ताल को समाप्त करने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चंद्रपुर जाना पड़ा था। प्रतिभा की उम्मीदवारी को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्‌टीवार की असहमति रही है। वडेट्‌टीवार बेटी शिवानी को उम्मीदवारी दिलाना चाहते थे। वडेट्‌टीवार समर्थकों का विश्वास व साथ पाने के लिए प्रतिभा को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।

Created On :   30 March 2024 1:02 PM GMT

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