राहत: शक्ति नाले की सफाई से दूर होगी परेशानी, सफाई के नाम पर होती रही खानापूर्ति

  • सीमेंट पुल और अतिक्रमण से सफाई के नाम पर होती रही खानापूर्ति
  • नाले का सुचारू प्रवाह थमा
  • विधानभवन भी हुआ था जलमग्न

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महानगरपालिका के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष और मध्य रेल विभाग ने शक्ति नाले की सफाई शुरू की है। इस नाले में कई स्थानों पर अतिक्रमण और सीमेंट पुल के चलते भीतरी हिस्सों की सफाई संभव नहीं हो पा रही थी। पिछले साल 23 सितंबर को बाढ़ की स्थिति बनने पर सदर और मोहन नगर इलाके में खासी परेशानी हुई थी। बाढ़ के पानी का बहाव नहीं होने से रेलवे स्टेशन परिसर भी जलमग्न हो गया था। अब मनपा और मध्य रेेल विभाग ने ब्रिटिशकालीन भूमिगत स्ट्राम ड्रेन नेटवर्क की सफाई का काम प्राथमिकता से आरंभ कर दिया है। रेलवे पटरियों के करीब लंबे समय से नाले में मलबा जमा होने से 8 फीट की गहराई वाला हिस्सा अब केवल 2 फीट ही नजर आ रहा है। गंभीरता से सफाई कर भविष्य की परेशानी को दूर करने का प्रयास हो रहा है।

नाले का सुचारू प्रवाह थमा

सदर के भीड़वाले इलाकों में स्ट्राम ड्रेन नेटवर्क नहीं होने से बरसाती ओवरफ्लो को बाहर निकालने में शक्ति नाला बेहद मददगार साबित होता रहा है। हालांकि सदर, गड्‌डीगोदाम और मोहन नगर में नागरिकों ने नाले के ऊपरी हिस्से पर अतिक्रमण कर दिया है। इसके साथ ही घरों की सीवरेज लाइन को भी नाले से जोड़ दिया है। अतिक्रमण के चलते भीतरी हिस्सों की सफाई नहीं होने से कचरा जमकर नाले का सुचारू प्रवाह थम सा गया है। मनपा की ओर से जेसीबी के साथ ही मजदूरों की सहायता से नाले की सफाई की जा रही है।

अस्तित्व संकट में : शक्ति नाला सदर और एम्प्रेस मिल के इलाकों से बारिश के पानी के साथ-साथ गंदगी भी लाता रहा है। इस नाले के पानी को संग्रहित करने के लिए एम्प्रेस मिल के समीप कृत्रिम तालाब भी विकसित हुआ था, लेकिन बदलते दौर में प्रशासन की अनदेखी और लगातार मलबे के जमा होने से तालाब समाप्त हो गया, जबकि शक्ति नाले का भी अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर आ गया है। डीआरएम कार्यालय से रेलवे ट्रैक पार करने तक नाला पूरी तरह से कांक्रीट स्लैब से ढंका हुआ है। नाले के किनारे के क्षेत्रों में बाढ़ और जल जमाव को रोकने के लिए अक्टूबर 2018 से नाले को पुनर्जीवित करने के दावे हो रहे हैं।

विधानभवन भी हुआ था जलमग्न

इस नाले से जलबहाव सुचारू नहीं होने से विधानभवन परिसर में पानी जमा हो गया था। इस घटना के बाद मनपा प्रशासन ने गंभीरतापूर्वक अतिक्रमण को हटाकर नाले की सफाई करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई। यही वजह है कि पिछले साल 23 सितंबर को भी रेलवे स्टेशन परिसर में जलजमाव हो गया था।

शक्ति नाला की सफाई प्राथमिकता से

डॉ गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा के मुताबिक अतिक्रमण और नागरिकों की लापरवाही से शक्ति नाले के कई हिस्सों में सफाई में दिक्कत होती रही है। इसके साथ ही दूसरे हिस्से का अधिकांश हिस्सा पटरियों के नीचे दबा होने से भी मुश्किलें आती रही हैं, लेकिन इस मर्तबा रेल प्रशासन के सहयोग से पूरे नाले की गहराई तक सफाई और चौड़ाईकरण हो रहा है। इस सफाई के बाद जल प्रवाह के सुचारू होने में सहायता होगी।


Created On :   8 April 2024 8:19 PM IST

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