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Nagpur News: ब्रेन ट्यूमर से पीड़ितों के लिए नैनो सिस्टम बनेगी संजीवनी
- डॉ. वीना बेलगमवार ने किया अनुसंधान, पेटेंट को भी मंजूरी
- कैंसर कोशिकाओं तक दवा पहुंचाने की खोज
Nagpur News दुनियाभर में ब्रेन ट्यूमर के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। यदि समय रहते ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को न समझा जाए, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। यह बीमारी बच्चों से लेकर वयस्कों तक सभी को प्रभावित कर सकती है। ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए नागपुर विश्वविद्यालय के औषधि निर्माण शास्त्र विभाग की प्रो. डॉ. वीना बेलगमवार और उनके पीएचडी छात्र सागर त्रिवेदी ने यह अनुसंधान किया है। इसमें ब्रेन ट्यूमर के कैंसर कोशिकाओं तक नैनो सिस्टम द्वारा दवा पहुंचाने की सफल खोज की गई है। यह खोज ब्रेन ट्यूमर मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो सकेगी।
विपरीत प्रभाव नहीं : मस्तिष्क में होने वाली असामान्य कोशिकाओं के समूह को ब्रेन का ट्यूमर कहते हैं। ऐसी अवस्था में असामान्य कोशिकाएं मस्तिष्क के किसी भी लोब में हो सकती हैं। ब्रेन ट्यूमर कैंसर युक्त या कैंसर रहित दोनों तरह के हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर की बढ़ती बीमारी पर आसान तरीके से इलाज करने के मूल उद्देश्य से डॉ. बेलगमवार और डॉ. सागर त्रिवेदी ने 2020 में यह शोध कार्य शुरू किया था। नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए ब्रेन ट्यूमर की कैंसर कोशिकाओं तक दवा पहुंचाना एक चुनौती थी, क्योंकि यह दवा पहुंचाते समय गैर-कैंसर कोशिकाओं पर इसका कोई विपरीत प्रभाव न पड़े इस बात का ध्यान रखना जरूरी था। कई कोशिशों के बाद अाखिरकार सिर्फ कैंसर कोशिकाओं तक दवा पहुंचाने की खोज सफल हुई, साथ ही जुलाई 2024 में "नैनो प्रार्टीक्यूलेट ड्रग डिलीवरी सिस्टम स्ट्रीटमेंट फॉर ब्रेन ट्यूमर' इस शोध के पेटेंट को भारत सरकार द्वार मंजूरी दी गई है।
"नोज टू ब्रेन' दी जाएगी दवा : डॉ. बेलगमवार और डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि, ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को कीमोथेरेपी, बार बार इंजेक्शन देने से लेकर कई विभिन्न इलाज किए जाते है। जो मरीजों के लिए बहुत कष्टप्रद होते है। ब्रेन ट्यूमर के मरीज ज्यादा तर अनकॉन्शियस रहते है। ऐसे में मरीजों के ब्रेन तक उचित मात्रा में दवा पहुंच नहीं पाती। इसलिए इस शोध में "नोज टू ब्रेन' इस विधि का इस्तेमाल किया गया है। अगर मरीज बेड पर सोया भी होगा तो नाक द्वारा दी गई दवा सीधे ब्रेन तक पहुचती है। इसे नैनो पार्टीकल नेजल स्प्रे भी कहा जाता है।
अभी तक सेल लाइन स्टडी पूरी हुई : डॉ. बेलगमवार ने यह भी कहा की, इस अनुसंधान में नैनो सिस्टम द्वारा एक्टिव टारगेटिंग कैंसर कोशिकाओं तक दवा पहुंचाई जाती है। फिलहाल ह्यूमन के कैंसर कोशिकाओं पर यह अध्ययन हुआ है। यानी अभी तक सेल लाइन स्टडी पूरी हुई है। इस पर क्लिनिकल परीक्षण और अध्ययन किया जाए तो जल्द ही ब्रेन ट्यूमर मरीजों के लिए इसका उपयोग संभव है।
Created On :   9 Nov 2024 2:55 PM IST