संकट: किसानों के कर्ज पुनर्गठन पर लगा ब्रेक, आरबीआई ने मांगी राज्य के फसल नुकसान की आणेवारी

किसानों के कर्ज पुनर्गठन पर लगा ब्रेक, आरबीआई ने मांगी राज्य के फसल नुकसान की आणेवारी
  • सूखाग्रस्त इलाकों के किसान मदद के इंतजार में
  • अपनी परेशानी में सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य सरकार ने जिले के 16 राजस्व मंडलों को अकालग्रस्त घोषित करते हुए पीड़ित किसानों के फसल कर्ज को पुनर्गठित करने के आदेश दिए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नागपुर समेत पूरे राज्य में हुए फसल नुकसान की आणेवारी मांगी है। इस कारण किसानों के कर्ज पुनर्गठन पर ब्रेक लग गया है। किसानांे के फसल कर्ज की वसूली पर रोक व कर्ज के पुनर्गठन के सरकार के आदेश के बाद कर्ज की वसूली रोक दी गई है। जिला अग्रणी बैंक ने पीड़ित किसानों के फसल कर्ज की वसूली रोकने का पत्र संबंधित बैंकों को दिया। बैंकों ने कर्ज वसूली रोक दी है। कर्ज के पुनर्गठन पर अमल करने से यह कहते हुए इनकार किया कि आरबीआई से आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। 24 मई को पुणे में बैंकों की राज्यस्तरीय समिति की बैठक हुई। इसमें सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, आरबीआई व सहकार विभाग के प्रतिनिधि शामिल हुए। आरबीआई ने फसल कर्ज का पुनर्गठन करने के पहले पूरे राज्य की आणेवारी देने को कहा।

आणेवारी से पता चलेगा कितने फीसदी नुकसान हुआ

आणेवारी से यह पता चलेगा कि कितने फीसदी फसल का नुकसान हुआ है। प्रशासन की तरफ से अभी तक आणेवारी की जानकारी आरबीआई को नहीं दी गई है। आरबीआई ने फसल कर्ज के पुनर्गठन के संबंध में कोई दिशा-निर्देश बैंकों को जारी नहीं किए, इसलिए फसल कर्ज के पुनर्गठन का मामला अटक गया है। किसान खेती के लिए कर्ज उठाता है। इस कर्ज का भुगतान करने पर दूसरा कर्ज मिलता है। कर्ज पुनर्गठन में पहला कर्ज होने के बाद भी बंैक फसल के लिए दूसरा कर्ज देती हैै। पहला जो कर्ज होता है, उसकी तीन किस्तें बनाई जाती हैं।

सरकार अपनी परेशानी में

लोकसभा चुनाव के नतीजे से राज्य सरकार खुश नहीं है। मुख्यमंत्री व दोनों उपमुख्यमंत्री राजनीति के नफा-नुकसान का आंकलन करने में व्यस्त हैं। आणेवारी जाहिर करने का आदेश सरकार को जारी करना है। आणेवारी की रिपोर्ट पहुंचने के बाद ही आरबीआई अगला कदम उठाएगी।

सूखा घोषित मंडलों के किसानों को खेत जमीन राजस्व में छूट, कर्ज का पुनर्गठन, खेती से संबंधित कर्ज की वसूली पर रोक, कृषि पंपों के चालू बिल में 33.5 फीसदी रियायत, विद्यार्थियों की परीक्षा फीस माफ, रोजगार हमी योजना के तहत काम के मापदंड में कुछ शिथिलता, जरूरत पड़ी तो टैंकर से जलापूर्ति और किसानों के कृषि पंपों की बिजली नहीं काटी जाएगी।

अकालग्रस्त मंडल

सावनेर अंतर्गत सावनेर, पाटनसावंगी, केलवद, खापा, चिचोली (खापरखेड़ा), मौदा के तहत निमखेड़ा, खात, तारसा, रामटेक अंतर्गत देवलापार, पवनी, हिवरा बाजार, उमरेड के तहत सिर्सी, कलमेश्वर अंतर्गत मोहपा, गोंडखैरी, काटोल के तहत येनवा, नरखेड़ के तहत मेंढला।

Created On :   9 Jun 2024 8:01 PM IST

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