नागपुर: 58 फीसदी लोगों के नहीं बन पाए आयुष्मान भारत कार्ड, 5 लाख की घोषणा पर अमल नहीं

58 फीसदी लोगों के नहीं बन पाए आयुष्मान भारत कार्ड, 5 लाख की घोषणा पर अमल नहीं
  • 5 लाख की घोषणा पर अमल का निर्देश नहीं
  • 1925180 लाभार्थी
  • 1405891 कार्ड ही बने
  • 1919026 कार्ड तैयार होना बाकी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना अंतर्गत 5 लाख रुपए की नि:शुल्क उपचार सुविधा देने की घोषणा की। राज्य में जुलाई महीने में इसकी अधिसूचना जारी की गई थी। 9 महीने बीत जाने के बावजूद इस घोषणा पर अमल करने के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। परिणामस्वरूप जिले में किसी भी मरीज को 5 लाख रुपए तक नि:शुल्क उपचार सुविधा नहीं मिल पाई है। केंद्र सरकार की राजीव गांधी जीवनदायी योजना को राज्य में महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना (एमजेपीजेवाई) के नाम पर संचालित किया जा रहा है।

इस योजना अंतर्गत लाभार्थी को 1.50 लाख रुपए तक की नि:शुल्क उपचार सुविधा मिलती है। सितंबर 2018 में एमजेपीजेवाई के साथ केंद्र सरकार की नई योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना (एबीपीएमजेएवाई) का एकीकरण किया गया। केंद्र सरकार की एबीपीएमजेएवाई योजना में लाभार्थी को 5 लाख रुपए तक नि:शुल्क उपचार सुविधा देने का प्रावधान है। पिछले साल जुलाई महीने में राज्य सरकार ने इस योजना अंतर्गत लाभार्थी को 5 लाख रुपए तक नि:शुल्क उपचार सुविधा देने की घोषणा कर अधिसूचना जारी की गई। लेकिन 9 महीने बीत जाने के बावजूद इसपर अमल करने का आदेश जारी नहीं किया गया है।

58 फीसदी लोगों के नहीं बने कार्ड

नागपुर जिले में एमजेपीजेवाई अंतर्गत 1925180 लाभार्थी हैं। इसके साथ ही एबीपीएमजेएवाई इस योजना काे जोड़ा गया है। इसके नये लाभार्थी 1399737 हैं। इस तरह जिले में कुल लाभार्थी संख्या 3324917 हो चुकी है। इन सभी के आयुष्मान भारत कार्ड तैयार करना है। मार्च 2024 के अंत तक जिले में 42 फीसदी यानि 1405891 कार्ड ही बन पाए हैं। 58 फीसदी यानि 1919026 कार्ड अब भी तैयार नहीं हो पाए हैं।

100 से 200 रुपए तक सेवा शुल्क : जिला स्वास्थ्य योजना कार्यालय की तरफ से विविध स्थानों पर शिविरों का आयोजन कर कार्ड तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर (सीआरसी) के माध्यम से कार्ड बनाकर दिए जाते हैं। वहीं सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से मरीज के भर्ती होते ही उन्हें योजना में शामिल कर कार्ड तैयार किया जाता है। चुनाव आचारसंहिता लगने के बाद शिविर आयोजन का काम बंद हो चुका है। सीआरसी सेंटरों पर कार्ड बनाने का काम शुरु है, लेकिन अधिकतर सेंटरों पर पैसे की मांग के चलते लोग कार्ड बनाने नहीं जा रहे है। सूत्रों ने बताया कि सीआरसी सेंटर के लोग 100 से 200 रुपए तक की मांग करते है. जबकि इस कार्ड के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

Created On :   12 April 2024 7:35 PM IST

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