कोर्ट कचहरी: दो लोगों को कुचलने का मामला, रितु मालू की गिरफ्तारी फिर टली, पुलिस की अर्जी खारिज

दो लोगों को कुचलने का मामला, रितु मालू की गिरफ्तारी फिर टली, पुलिस की अर्जी खारिज
  • नशे में तेजी से कार चलाकर दो लोगों को कुचला था
  • मालू ने 1 जुलाई को तहसील पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया
  • मालू को गिरफ्तार करने तहसील पुलिस ने दायर की अर्जी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रीतिका उर्फ रितु दिनेश मालू को गिरफ्तार करने की अनुमति के लिए तहसील पुलिस ने दायर की अर्जी प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट ने खारिज कर दी। न्या. ए. वी. खेडकर-गराड ने यह फैसला दिया है। इसके पहले भी कोर्ट ने मालू की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर उसकी रिहाई का आदेश दिया था। एक बार फिर से मालू की गिरफ्तारी टली है। नशे में तेजी से कार चलाकर दो लोगों को कुचलने के मामले में रितु आरोपी है।

रामझूला पर दो लाेगों को कार से कुचलने का मामला : जमानत पर रिहा कर दिया था : जमानत पर रिहा कर दिया था : इस मामले में पहले तहसील पुलिस ने घातक दुर्घटना का मामला दर्ज कर रितु को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया, लेकिन बाद में उसके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए रितु ने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। पहले जिला व सत्र न्यायालय और उसके बाद हाई कोर्ट ने भी रितु मालू की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की। इसके चलते मालू ने 1 जुलाई को तहसील पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पीसीआर के लिए प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट के समक्ष पेश किया था। कोर्ट ने मालू की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया और उसकी रिहाई का आदेश दिया। क्योंकि मालू को गिरफ्तार करने के पहले अदालत की अनुमति लेना कानूनन अनिवार्य था। सोमवार को तहसील पुलिस द्वारा मालू की गिरफ्तार की अनुमति के लिए दायर अर्जी पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मालू की ओर से एड. चंद्रशेखर जलतारे और पुलिस की ओर से एड. मेघा बुरांगे ने पैरवी की।

कोर्ट अपना ही आदेश वापस नहीं ले सकती : मालू को गिरफ्तार करने की अनुमति के लिए तहसील पुलिस ने दायर की अर्जी प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की कोर्ट ने 3 अप्रैल 2024 को खारिज कर दी थी, लेकिन पुलिस ने फिर से उसी कोर्ट में इसी मांग को लेकर अर्जी दायर की थी, इसलिए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह न्यायालय ट्रायल कोर्ट होने के कारण अपने आदेश को वापस नहीं ले सकती या उसकी समीक्षा नहीं कर सकती। यदि ऐसा किया जाता है, तो यह कानून के विरुद्ध होगा। इस आधार पर कोर्ट ने यह अर्जी खारिज कर दी।

पुलिस के इन तरीकों से मिली राहत

7 मार्च 2024 को तहसील पुलिस ने धारा 304 के तहत मालू की गिरफ्तारी की अनुमति के लिए प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की कोर्ट में अर्जी दायर की थी। हालांकि कोर्ट ने 3 अप्रैल 2024 को गुणवत्ता के आधार पर यह अर्जी खारिज की थी।

फैसले के विरोध में सत्र न्यायालय में पुनर्विचार अर्जी प्रलंबित है, फिर भी पुलिस ने आत्मसमर्पण के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की कोर्ट में अर्जी की थी। कोर्ट ने 2 जुलाई को वह अर्जी खारिज कर दी।

प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की कोर्ट के आदेश को उसी कोर्ट में चुनौती देने की पुलिस ने फिर से गलती की और मंगलवार को कोर्ट ने पुलिस की अर्जी फिर खारिज की।

कोर्ट ने तीसरी बार मालू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से दायर की अर्जी खारिज की है।

Created On :   10 July 2024 6:56 AM GMT

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